नशा नहीं करता था मेरा बेटा तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कैसे निकली शराब

Wednesday, Aug 22, 2018 - 04:52 PM (IST)

हमीरपुर (अंकिता): सुजानपुर तहसील के खैरी क्षेत्र के रुलदाड़ा गांव के निवासी पंकज कुमार के पिता रविंद्र कुमार ने पुलिस द्वारा लिए बयानों व पोस्टमार्टम रिपोर्ट को कटघरे में खड़ा कर उनके बेटे की मौत के सही कारणों का पता लगाने की मांग पुलिस से की है। उल्लेखनीय है कि पंकज की 12 अक्तूबर, 2017 को पानी में डूबने से मौत हो गई थी। उसके पिता रविंद्र कुमार बताते हैं कि 12 अक्तूबर को उनके बेटे को उसके दोस्तों का फोन आया और वह उनके साथ नहाने निकल गया। वह उस दिन दोपहर सवा 2 बजे के करीब घर से निकला था कि 3 बजे किसी ने उन्हें सूचना दी कि पंकज की पानी में डूबने से मौत हो गई है। जब वह मौके पर पहुंचे तो गांव वालों व अन्य लोगों ने उसे पानी से बाहर निकाल लिया था। 

पुलिस ने मौके पर आकर बॉडी को कब्जे में लिया और सुजानपुर अस्पताल में ले जाया गया तथा वहां पर उसे मृत घोषित करने के बाद हमीरपुर मैडीकल कॉलेज भेजा गया, जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया। 13 अक्तूबर को पोस्टमार्टम होने के बाद 27 अक्तूबर को रिपोर्ट जारी की गई व 30 अक्तूबर को रिजनल फोरैंसिक लैब मंडी में भेजा गया। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में बताया गया कि पंकज की मौत शराब पीकर हुई है जबकि उसे पानी से निकालने के बाद उसकेे पेट से दोपहर में खाए हुए खाने के अलावा पानी ही निकला था। उस वक्त उसके मुंह से शराब की बदबू नहीं आ रही थी व उसके शराब पीने की पुष्टि सुजानपुर व हमीरपुर के डाक्टरों ने भी नहीं की।

वह अपने बेटे की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट लेने के लिए बार-बार पुलिस थाने के चक्कर काटता रहा, परंतु वहां से हर बार एक की उत्तर मिलता रहा कि अभी रिपोर्ट बन रही है, जबकि उनके अनुसार रिपोर्ट अक्तूबर में ही बन गई थी। कड़ी परेशानी के बाद उन्हें 22 जनवरी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली तथा उस दिन पुलिस ने उन्हें थाने में बुलाया व साथ ही पंकज के साथ उस दिन गए हुए लड़कों को भी बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया परंतु उनमें से एक लड़का मौके पर मौजूद नहीं था। पंकज के पिता चाहते थेे कि सभी के बयान उनके सामने हों, जिससे उन्हें भी सच्चाई का पता चल सके लेकिन ऐसा नहीं हुआ व साथ ही पुलिस द्वारा अनुपस्थित लड़के के बयान मौके के दिन से 3-4 दिन बाद दर्ज करवा कर उस पर तारीख 22 जनवरी ही डाल दी गई।

तैरना जानता था मेरा बेटा: पिता
उनका कहना है कि 12 अक्तूबर को मौके पर भी पुलिस ने उन लड़कों के बयान एक साथ ही लिए थे तथा उनसे व उनकी पत्नी से केवल यही पूछा था कि वह कितने बजे घर से निकला था और उनको कितने बजे उसकी मौत की खबर मिली। इसके अलावा उनसे कोई पूछताछ नहीं की गई थी जबकि पुलिस ने उनके बयान में यह भी जोड़ दिया था कि उनके बेटे को तैरना नहीं आता था जोकि एकदम गलत है। उन्होंने बताया कि पंकज को तैरना आता था और वह अक्सर अपने घर के पास से बहती हुई नदी में तैरने जाता था।

22 जनवरी को मिली रिपोर्ट में लिखा गया था पंकज के शरीर में 52.57 एम.जी. शराब पाई गई तथा डूबने से ही उसकी मौत हुई है। माता-पिता को स्वास्थ्य विभाग की इस रिपोर्ट से संतुष्टि न मिलने पर उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की कि इस मामले की सही जांच हो, जिस पर जून माह में पुलिस अधीक्षक को आदेश प्राप्त हुए व उन्होंने संबंधित थाने को मामले की तहकीकात के आदेश दिए। पुलिस का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद उक्त मामले पर जवाबदेही प्रस्तुुत कर दी है। पंकज के पिता चाहते हैं कि मौके पर पंकज के साथ मौजूद अन्य लोगों से पूछताछ की जाए और मौत के सही कारणों का पता लगाया जाए। 

Ekta