यहां आसमान में 6 दिनों तक अठखेलियां करेंगे मानव परिंदे, झील से बढ़ा है आकर्षण

Sunday, Sep 22, 2019 - 01:56 PM (IST)

बिलासपुर (प्रकाश): बिलासपुर के आसमान में 6 दिनों तक मानव परिंदे अठखेलियां करते हुए नजर आएंगे। इन दिनों मंत्रा पैराग्लाइडिंग अकादमी पुणे द्वारा हिमाचल प्रदेश पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के सहयोग से 6 दिवसीय एडवांस पैराग्लाइडिंग कोर्स एस.आई.वी. यानी सिमुलेशन इंसीडैंट इन वॉल का आयोजन किया जा रहा है। इस कोर्स में महाराष्ट्र व गुजरात से आए 17 पायलटों को लाइंग इंस्ट्रक्टर टी.जे. ताकवे 6 दिनों तक प्रशिक्षण देंगे। कोर्स के दौरान पायलटों को रिजर्व पैराशूट डिप्लॉय करने का प्रशिक्षण भी दिया गया। इसमें यदि आसमान में उड़ते समय कोई आपातकालीन स्थिति आ जाए तो पैराग्लाइडर में एक रिजर्व पैराशूट भी होता है जिसकी मदद से सेफ लैंडिंग की जा सकती है।

शनिवार को कोर्स के दूसरे दिन पायलटों ने बंदलाधार से उड़ान भर आसमान में विभिन्न प्रकार की अठखेलियां करते हुए लुहणू मैदान में लैंडिंग की। कोर्स के अंतिम दिन प्रशिक्षु पायलटों को आपातकालीन स्थिति में झील में उतरने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। वहीं कोर्स के दौरान हिमाचल के 5 पायलट भी रहेंगे जो प्रशिक्षुओं को पैराग्लाइडिंग की बारीकियां सिखाएंगे। कोर्स के दौरान विशेष रूप से रैस्क्यू टीम नियुक्त की गई थी जिसमें पुनीत, हंसराज व काकू शामिल हैं।

हिमाचल प्रदेश पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के महासचिव अतुल खजुरिया ने बताया कि बिलासपुर अन्य उड़ान स्थलों की तुलना में विशेष इसलिए है क्योंकि यह बिलिंग या मनाली की तुलना में आपको अधिक उड़ान समय आठ घंटे देता है। यहां पर विस्तृत और सुरक्षित उतराव स्थल गोबिंद सागर झील के तट पर लुहणू मैदान है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के नजरिए से भी बिलासपुर उत्तम है। पैराग्लाइडिंग के विभिन्न कौशलों के लिए विस्तृत जल स्थल अति आवश्यक है। शायद ही दूसरा कोई और स्थान हो जहां पर उतराव स्थल के साथ इतनी विशाल झील है।

Ekta