HPCA Case: SC में भिड़े वीरभद्र-अनुराग के वकील, जस्टिस बोले- न बनाएं राजनीतिक ‘अखाड़ा’

Wednesday, Apr 18, 2018 - 10:53 AM (IST)

नई दिल्ली/शिमला: एचपीसीए से संबंधित मामले को लेकर हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर के वकील दोनों सुप्रीम कोर्ट में भिड़ गए। जिससे कोर्ट के जस्टिस ए के सीकरी नाराज हो गए। उन्होंने चेतावनी दी कि वे शीर्ष अदालत को अपनी राजनीतिक लड़ाई का अखाड़ा न बनाएं। साथ ही जस्टिस सीकरी ने यह भी कहा कि हम पिछले कुछ महीने से यही सब देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद मामले की सुनवाई 2 हफ्ते के लिए टाल दी गई। अब सुनवाई 3 मई को होगी। अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री और वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता वीरभद्र सिंह को यह स्पष्ट कर दिया कि वह उन्हें उस मामले में पक्षकार के रूप में हटा सकती है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके भाजपा सांसद पुत्र अनुराग ठाकुर राज्य क्रिकेट संघ में कथित भ्रष्टाचार के आरोपी हैं। 


उल्लेखनीय है कि यह मामला अनुराग के ऊपर चल रहे भ्रष्टाचार के मामले बंद करने से जुड़ा है। अप्रैल, 2014 को विजिलेंस विभाग ने भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420, 201 और 120बी के तहत और भ्रष्टाचार उन्मुलन अधिनियम की धारा 13 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में विजिलेंस विभाग ने ठाकुर एचपीसीए के निदेशक समेत 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है। ठाकुर और अन्य आरोपियों को कोर्ट ने बतौर आरोपी तलब किया था। उनके खिलाफ धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम की जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप है। 


अनुराग के वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में खुद पिछली सरकार ने अपने अधिकारियों के खिलाफ मुकद्दमा चलाने की इजाजत नहीं दी, लेकिन राजनीतिक मकसद से उनके खिलाफ मुद्ददमा चलाया। इस पर कोर्ट ने तथ्यों को देखते हुए मामला रद्द करने की इच्छा जताई, लेकिन पूर्व सीएम की तरफ से पेश वकील ने इसका विरोध किया। वीरभद्र के वकील अनूप जॉर्ज चौधरी ने कहा कि कोर्ट केस रद्द करने का आदेश ना दे। इस पर कोर्ट ने पूछा कि तथ्य हमारे सामने हैं और प्रदेश सरकार भी केस वापस लेना चाहती है। इस पर वीरभद्र के वकील ने कोर्ट में कहा कि अनुराग के खिलाफ कई बाते हैं और इनकी अनदेखी नहीं की जा सकती।  
 

Ekta