आने वाले पर्यटन सीजन में घट जाएंगे होटल, पढ़ें पूरी खबर

Friday, Dec 22, 2017 - 02:40 PM (IST)

कुल्लू : आने वाले पर्यटन सीजन के लिए कुल्लू-मनाली में होटलों, गैस्ट हाऊस व होम स्टे की संख्या काफी घट सकती है। जांच में कई होटल, गैस्ट हाऊस व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान अवैध पाए जा रहे हैं। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 1700 होटलों के खिलाफ जांच के आदेश दे रखे हैं। इनमें मनाली और कुल्लू में 150 के करीब होटलों को पहले चरण में नोटिस जारी किए गए हैं। दूसरे चरण में इतने ही और होटल व गैस्ट हाऊस जद में आएंगे। इन होटलों के दस्तावेज जांचने का क्रम भी साथ-साथ चला हुआ है। कई नोटिस का जवाब देने की तैयारी में हैं तो कई चुपचाप बैठे हैं। जो जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं उन्होंने चुपचाप बैठना ही मुनासिब समझा। दरअसल कई होटल, गैस्ट हाऊस वन भूमि पर बने हुए हैं। उन होटल, गैस्ट हाऊस मालिकों के पास कोई जवाब ही देने के लिए नहीं होगा। लोक निर्माण विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे करके करोड़ों रुपए का कारोबार चला हुआ है। एन.जी.टी. के साथ-साथ हाईकोर्ट ने भी अवैध होटलों के खिलाफ जांच के आदेश दे रखे हैं।

कब्जों से उठे सवाल
भवनों के अवैध कब्जे वाली जमीन पर होने की आशंका ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं, ऐसे में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट के आदेशों पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया तो कई होटल, गैस्ट हाऊस व रेस्तरां अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हो जाएंगे। कई ऐसे होटल भी हैं जिनका कुछ हिस्सा तो होटल मालिक की अपनी जमीन या खरीदी हुई जमीन पर है और होटल का बड़ा हिस्सा वन भूमि पर है, ऐसे में इन होटलों पर भी गाज गिरेगी। जिला कुल्लू में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट दोनों के आदेशों की जद में आने के कारण अवैध कारोबार के दम पर चांदी कूट रहे लोगों के हाथ-पांव फूले हुए हैं।

कोर्ट से ही मिल सकती है राहत
यदि ऐसे अवैध कारोबार को सफेद बनाने के लिए सरकार कोई बीच का रास्ता निकालती है और कोर्ट से राहत के लिए कोई आग्रह करती है तो ही बात बन सकती है। कोर्ट कोई नए आदेश जारी करे तो ही इन अवैध भवनों के मालिकों को राहत मिलने की उम्मीद है, ऐसे में पर्यटन कारोबारियों ने प्रदेश सरकार से मिलकर समस्या का समाधान निकलवाने की योजना बनाई है। सरकार एन.जी.टी. और हाईकोर्ट के समक्ष लोगों का पक्ष रखकर कुछ राहत की मांग कर सकती है।