एक डॉक्टर के हवाले जोगिंद्रनगर का अस्पताल, सैकड़ों मरीजों की देख रहे नब्ज

Friday, Aug 03, 2018 - 11:43 AM (IST)

जोगिंद्रनगर (अमन): जोगिंद्रनगर अस्पताल में एक लाख से अधिक लोगों के  स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदार डॉक्टरों में से कुछ डॉक्टर छुट्टी पर घर चले गए हैं तो कुछ सरकार के आदेशों का पालन करते हुए राजधानी में कांफ्रैंस में हिस्सा लेने में व्यस्त हैं। पीछे से अस्पताल में स्थिति यह हो गई है कि केवल एक चिकित्सक अस्पताल में मरीजों की देखभाल कर रहा है। वीरवार प्रात: अस्पताल में इलाज करवाने आए मरीजों को उस समय परेशान होना पड़ा जब आपातकालीन सेवा में केवल एक चिकित्सक ही उपलब्ध था। ओ.पी.डी. से लेकर वार्ड में भर्ती सभी मरीजों की सेहत इसी डॉक्टर के हवाले थी। अस्पताल में डॉक्टरों के मामले में पहले ही ऊंट के मुंह में जीरे वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। 


वीरवार को जब अस्पताल में डॉक्टरों की नदारद होने का कारण जानना चाहा तो पता चला कि अस्पताल के सर्वेसर्वा एस.एम.ओ. डॉक्टर जितेंद्र चौहान तथा अधिकांश मरीजों के चहेते शिशु रोग विशेषज्ञ डा. रोशन लाल कौंडल शिमला में प्रस्तावित 2 से 5 अगस्त तक एफ.बी.एन.सी. की ट्रेनिंग कांफ्रैंस में भाग लेने शिमला गए हैं तो 2 अन्य चिकित्सक अवकाश पर हैं। एक डॉक्टर रात सेवा देने के बाद विश्राम पर हैं तो शेष बचे केवल एक चिकित्सक डा. विक्रम सैकड़ों मरीजों की नब्ज देख रहे हैं।  प्रदेश में सत्ता चाहे कांग्रेस की हो या फिर भाजपा की जोगिंद्रनगर के इस अस्पताल के अच्छे दिन नहीं आए हैं।


भाजपा के जो लोग डॉक्टरों के रिक्त पदों के चलते अस्पताल में हायतौबा करते नजर आते थे आज वे न जाने कहां गायब हो गए हैं। सैकड़ों लोग रोज अस्पताल में जान की भीख मांग रहे हैं लेकिन उनकी आवाज सरकार तक पहुंचाने वाला कोई नहीं है। क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की दलील देकर सत्ता पर काबिज होने वाले लोग भी ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी लगातार बनी हुई है। स्त्री रोग विशेषज्ञ से लेकर हृदय रोग विशेषज्ञ व एम.डी. मैडीसिन तक के पद खाली चल रहे हैं तथा अस्पताल चुनिंदा विशेषज्ञ को छोड़कर केवल एम.ओ. के सहारे ही चल रहा है।

Ekta