स्टॉफ की कमी से जूझ रहा अस्पताल, परमार बोले-जो विरासत में मिला उससे नहीं मोड़ सकते मुंह

punjabkesari.in Monday, Jan 13, 2020 - 12:05 PM (IST)

नूरपुर (संजीव) : मौजूदा हिमाचल सरकार अपनी उपलब्धियों का जगह-जगह डंका बजा रही है पर हकीकत में ऐसा मंजर देखने को मिला है जो सरकार के कार्यों पर सवालिया निशान लगा रहा है। ताजा मामला हिमाचल के जिला कांगड़ा में सामने आया है। यहां सिविल अस्पताल नूरपुर दयनीय स्थिति से जूझ रहा है। अस्पताल में स्टॉफ की कमी के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है।

नूरपुर के सिविल अस्पताल में चुबाड़ी,ज्वाली,फतेहपुर व इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं।लेकिन इस समय डॉक्टरों की कमी से मरीजों को काफी दिक्कतें आ रही है। डॉक्टरों के तबादले के बाद अभी तक अस्पताल में डॉक्टर की कमी चल रही है। गरीब लोगों के लिए यह अस्पताल किसी पीजीआई से कम नहीं है क्योंकि नूरपूर से काफी  क्षेत्रों के लोगों को सुविधाएं मिलना आसान होती है। जब इसके बारे में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार से बात की तो उन्होंने बताया कि जो विरासत में हमें मिला है,उससे हमने मुंह मोड़ा नहीं है।
PunjabKesari

हिमाचल प्रदेश में छह मेडिकल कॉलेज और 3500 स्वास्थ्य संस्थान हैं। फट्टे लगाने से अस्पताल चलते नही हैं। इन सारी व्यवस्थाओं को हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की सरकार ने दो वर्षो में खड़ा किया है। स्टॉफ की कमी को लेकर विपिन सिंह परमार ने कहा कि एक प्रक्रिया के अनुसार एक व्यक्ति एमबीबीएस करता है और उसके बाद पीजी के लिए जाता है और पीजी एक साल करने के बाद वो रजिस्ट्रार शिप के लिए भी जाता है।परमार ने कहा कि हम डॉक्टरों की कमी व पैरा मेडिकल स्टॉफ की कमी नहीं आने देंगे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

Simpy Khanna

Recommended News

Related News