3 साल पहले बेघर हो गया था परिवार, आजतक सुध नहीं ले पाई सरकार

Saturday, Aug 10, 2019 - 03:55 PM (IST)

ज्वाली (दौलत चौहान): सरकारें गरीब परिवारों के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू करने और सहायता देने की बात अपने भाषणों में अक्सर कहती नजर आती हैं लेकिन धरातल पर ऐसी सभी सरकारी स्कीमें गरीबों के लिए मात्रा एक सपना बन कर रह गई हैं। ऐसा ही एक मामला जिला कांगड़ा के अन्तर्गत आते गांव मंड भोगरवा में देखने को मिला है। इस गांव के रहने वाला प्रभात चंद पुत्र कर्म चंद का परिवार सरकार की अनदेखी के चलते  दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।

प्रभात चंद ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए बताया कि उसका वर्षों से बनाया गया खड़पोश घर 3 वर्ष पहले भारी बारिश होने के चलते पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था और आर्थिक हालात ठीक न होने के चलते वह घर बनाने में भी असमर्थ है। मात्र एक छोटी सी ही खड़पोश की रसोई बची है और उसमें चूल्हा जलाकर रोटी बनाना भी मुश्किल है। 3 वर्षों से उक्त परिवार ने घर का सामान किसी के घर में रखा है और 2 बच्चे और पत्नी गांव में ही किसी के घर में सो रहे हैं जबकि प्रभात चंद अपनी छोटी सी रसोई जोकि कभी गिर सकती है, उसमें रह रहा है।

उसने बताया कि एक वर्ष पहले उसे बीपीएल सूची में डाला गया है जोकि मात्र राशन डिपो से सस्ता राशन लेने तक ही सीमित है। आज तक बीपीएल परिवार होने के नाते मिलने वाली कोई भी सरकारी सहूलियत नहीं मिली है यहां तक कि उज्ज्वला योजना के तहत आज तक रसोई गैस का कनैक्शन भी संबंधित विभाग नहीं दे पाया है।

प्रभात के लडके का पढ़-लिख कर एक अच्छी नौकरी करने का सपना है लेकिन प्रभात का कहना है कि यदि सरकार से मकान बनाने के लिए अनुदान नहीं मिलता है तो उसे अपने बेटे को 12वीं कक्षा तक ही पढ़ाकर आगे मजदूरी करवाने के लिए विवश होना पड़ेगा ताकि दोनों कुछ साल इकट्ठे मेहनत-मजदूरी कर एक छोटा सा रेन बसेरा बना सकें।

Vijay