भगवान रघुनाथ की नगरी में खूब उड़ा गुलाल, बृज की भाषा में होली के गीतों पर झूमे लोग

Sunday, Mar 08, 2020 - 03:47 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): भगवान रघुनाथ की नगरी कुल्लू में होली उत्सव पर खूब गुलाल उड़ा। होली के उत्सव पर जगह-जगह लोगों ने टोलियां बनाकर एक-दूसरे पर गुलाल फैंककर गले लगाया और होली की बधाई दी। भगवान रधुनाथ की नगरी कुल्लू में होली से 8 दिन पहले से ही वैरागी समुदाय महंत के लोग ब्रज भाषा में होली के पारंपारिक गीत गाकर भगवान रघुनाथ, शिव शंकर, बिष्णु, ब्रह्मा, महेश, सीता राम, राधा-कृष्ण की भक्ति का गुणगान करते है।

कुल्लू जिला में होली भगवान रघुनाथ के आगमन के साथ ही शुरू हुई थी। उस समय रघुनाथ के साथ महंत समुदाय के लोग भी अयोध्या से कुल्लू आए थे, जिसके बाद होली का प्रचलन कुल्लू जिला में शुरू हो गया था। कुल्लू जिला में होली के उत्सव पर वैरागी समुदाय के लोगों द्वारा वृंदावन अयोध्या, मथुरा और अवध की तर्ज पर होली के गायन का भी आयोजन गया। इस दौरान कुल्लू के अधिष्ठाता देवता रघुनाथ जी के चरणों में गुलाल उड़ाया।

कुल्लू जिला में होली बाकी जगहों से पहले ही छोटी होली और बडी होली की तर्ज पर मनाई जाती है। गौरतलब है कि भगवान रघुनाथ के हिसाब से कुल्लू में होली मनाई जाती है और कुल्लू घाटी में फागुन के माह में अमावस्या की रात को रघुनाथ मंदिर में होलिका दहन के साथ यहां की होली का त्यौहार संपन्न होता है। आशिष महंत, कमल के अनुसार सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार छोटे कभी भी अपने से बडे़ लोगों के सिर और मुंह में गुलाल नहीं लगाते और वे अपने से बडे़ लोगों के चरणों में गुलाल फैंकते हैं और बडे़ आशीर्वाद स्वरूप छोटों के सिर पर गुलाल फैंकते हैं।

Vijay