ऐतिहासिक चौगान अब नहीं रहेगा प्यासा, IPH विभाग को कड़े निर्देश

Monday, Dec 04, 2017 - 08:44 PM (IST)

चम्बा (विनोद कुमार) ऐतिहासिक चम्बा चौगान अब प्यास से दम नहीं तोड़ेगा। चौगान की प्यास बुझाने के साथ-साथ उसे हराभरा करने के लिए आखिरकार प्रशासन ने प्रभावी कदम उठाने का निर्णय ले ही लिया। सोमवार को डी.सी. चम्बा सुदेश मोख्टा ने सिंचाई एंव जन स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, चौगान की सफाई का कार्य देखने वाले ठेकेदार पर इस कार्य पर पैनी निगाह रखने वाली संस्था के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। डी.सी. ने इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। प्रशासन ने पंजाब केसरी के 28 नवम्बर को प्रमुख्ता के साथ प्रकाशित हुए समाचार पर संज्ञान लेते हुए चौगान के वजूद को बरकरार रखने के लिए कई कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया। नि:सन्देह यह निर्णय बेहद सराहनीय है लेकिन जरूरत इस बात की है कि लिए गए निर्णयों का कड़ाई के साथ अनुपालन हो सके। 

चौगान की सिंचाई की उचित हो व्यवस्था
डी.सी. चम्बा ने आई.पी.एच. विभाग को बैठक में निर्देश दिए कि चौगान को अप्रैल माह तक हराभरा करने में उक्त विभाग की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रहेगी। उन्होंने कहा कि चौगान में सिंचाई के लिए पानी की कमी पेश नहीं आनी चाहिए तो साथ ही पंप हाऊस को सुचारू रूप से चलाने के लिए पुख्ता व्यवस्था की जाए। चौगान की सिंचाई में किसी प्रकार की कोई बाधा आढ़े नहीं आने दी जाएगी। 

चौगान को किया जाएगा हराभरा
बैठक में डी.सी. चम्बा ने कहा कि चौगान के प्रत्येक भाग को हराभरा करने के लिए न सिर्फ उसकी सिंचाई की जाएगी बल्कि उसके प्रत्येक घास रहित भाग पर हरी घास पैदा करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। डी.सी. ने कहा कि इस कार्य को अंजाम देने में लोक निर्माण विभाग सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि जहां से हरी घास चौगान के लिए लाई जानी है उस स्थान को चिन्हित कर लिया गया है। उक्त स्थान से घास को चौगान तक लाने के कार्य में लोक निर्माण विभाग सहयोग करेगा। लाई गई घास को चौगान के उन भागों में लगाया जाएगा जहां से घास खराब हो चुकी है या फिर पूरी तरह से उसका नामोनिशान तक मिट गया है।  

20 दिन से अधिक नहीं चलेगी कोई भी खेल प्रतियोगिता
डी.सी. चम्बा ने चौगान में किसी भी प्रकार की खेल प्रतियोगिता को 20 दिन से अधिक आयोजित करने का समय किसी भी सूरत में नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह देखने में आया है कि कुछ एक प्रतियोगिताएं बेहद दिनों तक चलती हैं जिसके कारण लोगों में यह बात चर्चा का केंद्र बन जाती है। साथ ही इस प्रकार की प्रतियोगिताओं से चौगान की मुरम्मत के समय में कटौती दर्ज होती है, ऐसे में अब भविष्य में 20 से अधिक किसी भी प्रकार की कोई भी खेल प्रतियोगिता आयोजित नहीं होगी। 

चौगान व्यापारिक गतिविधियों के लिए बंद 
उन्होंने चौगान के वजूद को बरकरार रखने के साथ-साथ इसे व्यापारिक गतिविधियों से प्रतिबन्धित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भविष्य में चम्बा चौगान में किसी प्रकार की कोई व्यापारिक गतिविधि आयोजित नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक मिंजर मेला को छोड़ शेष किसी भी मौके पर चौगान को व्यापारिक गतिविधि के लिए प्रयोग में नहीं लाया जाएगा। चम्बा के लोगों की भावनाओं के साथ चौगान के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यह निर्णय लेना बेहद जरूरी है।

चौगान किराया में बढ़ौतरी
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि चौगान का प्रयोग करने के बदले में 1500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से रैंट वसूला जाएगा। इस पैसे को भी चौगान की देखरेख पर खर्च किया जाएगा। इस रैंट को बढ़ाने का उद्देश्य यह भी है कि चौगान को बेवजह प्रयोग करने से बचाया जा सके। वर्तमान में यह रैंट बेहद कम था जिसे बढ़ाया जाना बेहद जरूरी है। इसमें कैफे मार्ग भी शामिल होगा। 

नगर परिषद के प्रशासन ने काटे पर
कुछ माह पूर्व नगर परिषद चम्बा ने प्रशासन द्वारा नगर परिषद को उसके मैदान में ही व्यापारिक गतिविधि करने से रोक दिया था। इसके लिए प्रशासन ने यह तर्क दिया था कि यह मैदान राजस्व विभाग के अधीन है न कि नगर परिषद चम्बा के, ऐसे में इस मैदान में किसी भी प्रकार की गतिविधि को अंजाम देने से पूर्व राजस्व विभाग ने उसके संदर्भ में एन.ओ.सी. लेनी होगी। इस विषय को लेकर नगर परिषद चम्बा व प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी। नगर परिषद चम्बा ने उक्त मैदान की बजाए इस व्यापारिक गतिविधि के लिए कैफे मार्ग का प्रयोग किया था लेकिन अभी भविष्य में नगर परिषद चम्बा ऐसा नहीं कर सकेगी। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कैफे मार्ग पर भी किसी प्रकार की गतिविधि को बिना अनुमति के कोई अंजाम नहीं दे सकेगा क्योंकि यह मार्ग भी चौगान का हिस्सा है और चौगान की देखरेख प्रशासन के जिम्मे है। इसलिए प्रशासन की अनुमति प्राप्त किए वगैर उक्त मार्ग पर भी कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं की जा सकेगी। बैठक में लिए गए इस निर्णय के माध्यम से प्रशासन ने नगर परिषद चम्बा के पर काटने का काम किया है।