ऐतिहासिक ताल का हाल, आज तक नहीं लगी रेलिंग

Wednesday, Aug 01, 2018 - 12:31 PM (IST)

टिक्कर-डिडवीं (हुकम): महाराजा संसार चंद के समय की अनेक प्राचीन धरोहरें जिला हमीरपुर में स्थित हैं जोकि अब अतीत के पन्नों में खोती जा रही हैं। ऐसा ही एक ऐतिहासिक स्थल ताल है। शिमला-कांगड़ा नैशनल हाईवे पर टिक्कर से करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित ताल कस्बे में प्राचीन तालाब है लेकिन इस प्राचीन धरोहर के अधूरे काम के कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। उल्लेखनीय है कि ताल कस्बे का यह तालाब 3 पंचायतों साहनवीं, ताल व टिक्कर-डिडवीं की सीमाओं पर स्थित है और इसके रखरखाव की जिम्मेदारी का दायित्व तीनों पंचायतों का है। 


कुछ साल पहले इस प्राचीन धरोहर के सौंदर्यीकरण का बीड़ा उठाया गया था लेकिन धन के अभाव में कार्य पूरा नहीं हो पाया है और न ही इसके चारों ओर रेलिंग लग पाई है। जिस कारण बरसात के दिनों में पानी से लबालब भरे ताल में यहां घूमने आने वाले लोगों के ताल में गिरने का खतरा बना रहता है। व्यापार मंडल ताल के प्रधान मनोहर लाल मिश्रा, सुरेंद्र सोनी, नंद लाल, सतपाल, रविदत्त भुवनेश्वर मिश्रा आदि ने बताया कि ताल के चारों ओर रेलिंग या किसी प्रकार की कोई अन्य रोक न होने के कारण कई लोग पांव फिसलने से पानी में गिर चुके हैं, जिन्हें कड़ी मशक्कत से पानी से बाहर निकाला गया है। 


लोगों में मलाल: प्रशासन नहीं है गंभीर
लोगों की मानें तो अक्सर यहां लोग ताल में स्थित मछलियों को आटा डालने के लिए आते हैं और गलती से पांव फिसलने से पानी में गिर जाते हैं। विशेषकर बुजुर्ग व बच्चे कई बार पानी में गिर चुके हैं, जिन्हें बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला गया। लोगों को इस बात का मलाल है कि न तो स्थानीय प्रशासन ही इस ओर जागरूक हुआ है और न ही जिला प्रशासन ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। 


क्या कहते हैं स्थानीय जन प्रतिनिधि
इस समस्या के बारे में बी.डी.सी. सदस्य नवीन शर्मा, साहनवीं पंचायत के प्रधान संजीवन पटियाल, टिक्कर-डिडवीं के उपप्रधान सुरजीत सिंह कटोच व पंचायत समिति भोरंज के उपाध्यक्ष सुरेश सोनी ने माना कि ताल के चारों ओर रेङ्क्षलग या रोक लगाई जाना अनिवार्य है तथा वे इस समस्या के समाधान के लिए उच्चाधिकारियों के समक्ष मामला उठाएंगे। 

Ekta