हिमाचल में बनेगी विश्व की सबसे ऊंचाई पर दूसरी सड़क, नैशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने दी हरी झंडी

Monday, May 07, 2018 - 09:07 AM (IST)

शिमला: नैशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने किन्नौर के अतारगो से मुद-भावा-पिन वैली होते हुए वांगतू तक सड़क बनाने को मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव बोर्ड के पास एक साल से अटका हुआ था। अब इसकी फाइल एफ.सी.ए. के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजी गई है। एफ.सी.ए. मिलते ही सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस सड़क पर काम शुरू होगा। इके बनने से शिमला से काजा की दूरी 99 किलोमीटर कम होगी। इससे न केवल स्थानीय लोगों, बल्कि इंडो-चाइना बॉर्डर पर तैनात सेना को भी फायदा होगा। अतारगो-वांगतू सड़क समुद्र तल से सबसे अधिक ऊंचाई (4876 मीटर) पर बनने वाली विश्व की दूसरी सड़क होगी। इससे पहले लेह में (नोबरा रोड) 5387 मीटर ऊंचाई पर सड़क बनी हुई है। 


वाया भावा बनने वाली सड़क 5 से 6 माह तक ही आवाजाही के लिए खुली रहेगी, क्योंकि अधिक ऊंचाई होने के कारण पिन व भावा वैली में भारी हिमपात होता है। इससे यह क्षेत्र 6 से 7 माह तक बर्फ से ढक जाता है, ऐसे में लोगों को वैकल्पिक मार्ग वाया समदो होते हुए शिमला-काजा आना-जाना होगा। राज्य सरकार कई साल से इस सड़क को बनाने के प्रयासों में जुटी है लेकिन बीच में पिन वैली वाइल्ड लाइफ सैंचुरी और फोरैस्ट एरिया होने के कारण सड़क का निर्माण लटका हुआ है जबकि अतारगो से मुद वैली तक प्रदेश सरकार 33.500 किलोमीटर लंबी सड़क पहले ही बना चुकी है। इससे आगे 28.430 किलोमीटर क्षेत्र में वाइल्ड लाइफ सैंचुरी पड़ती है। 


37.400 किलोमीटर क्षेत्र में वाइल्ड लाइफ सैंचुरी और 6.710 किलोमीटर क्षेत्र में फोरैस्ट एरिया है। स्टेट और सैंटर वाइल्ड लाइफ बोर्ड की हरी झंडी के बाद अब एफ.सी.ए. ही इस सड़क में अंतिम बाधा रही है। इस सड़क पर करीब 155 मीटर क्षेत्र निजी भूमि है। उसकी विभाग ने लोगों से एन.ओ.सी. ले रखी है। एन.एच.-5 पर बननी प्रस्तावित इस सड़क की कुल लंबाई 106.330 किलोमीटर होगी। इसमें 61.930 किलोमीटर लंबी सड़क काजा डीविजन और 44 किलोमीटर लंबी सड़क कड़छम डीविजन के तहत बनेगी। इस सड़क का निर्माण 43.7 हैक्टेयर क्षेत्र में किया जाना है। इसके लिए 381 पेड़ काटे जाने हैं। 


333 किलोमीटर रहेगी शिमला से काजा की दूरी
अभी शिमला से काजा की दूरी 432 किलोमीटर है, जो वाया मुद-भावा सड़क बनने के बाद 333 किलोमीटर रह जाएगी। इससे मलिंग नाला में बार-बार होने वाले भूस्खलन के कारण लोगों को परेशानिया नहीं झेलनी पड़ेगी। मलिंग नाला में 12 महीने ही भू-स्खलन होता रहता है। पिन वैली वाइल्ड लाइफ सैंचुरी को देखने के लिए हर साल न केवल देशभर से बल्कि दुनियाभर के लोग आते हैं। इसी तरह से किन्नौर में कई रमणीय पर्यटन स्थल है। वाया भावा सड़क बनने से किन्नौर में पर्यटन को भी पंख लगेंगे और सैलानी भी आसानी से काजा तक पहुंच पाएंगे।

Ekta