मिटने वाली है हिमाचल की अनूठी निशानी, फिर करना होगा लंबा इंतजार

Monday, Jul 16, 2018 - 01:46 PM (IST)

मंडी (नीरज): मनाली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर मंडी शहर से तीन किलोमीटर दूर विंद्रावणी के पास स्थित हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी अब तस्वीरों में ही नजर आएगी। कुछ ही दिनों में फोरलेन निर्माण के लिए इस गैलरी को तोड़ दिया जाएगा। 24 अप्रैल 1997 को मंडी के मशहूर छायाकार बीरबल शर्मा ने इस गैलरी को अपने नीजि खर्चे और कुछ लोगों के सहयोग से शुरू किया था। गैलरी में छायाचित्रों के माध्यम से संपूर्ण हिमाचल के दर्शन एक ही छत के नीचे करने को मिलते हैं। शायद ही हिमाचल का कोई कोना, संस्कृति, जिला, झील, नदी, दर्रा या दार्शनिक स्थल ऐसा होगा जिसके छायाचित्र इस गैलरी में देखने को न मिले। 


बीरबल शर्मा ने खुद पूरे हिमाचल का भ्रमण करके इन छायाचित्रों का एक संग्राहलय तैयार किया है। यहीं नहीं गैलरी में प्राचीन समय की कलाकृतियों और धरोहरों को भी संरक्षित करके रखा गया है। जिन्हें देखकर हमें गुजरे जमाने की वो सारी बातें याद आती हैं जो शायद आज के जीवन का हिस्सा नहीं हैं। 21 वर्ष पूरा होने पर जब यह गैलरी अपने यौवन में आई तो इसे फोरलेन निर्माण के लिए मिटना पड़ रहा है। गैलरी के संस्थापक बीरबल शर्मा को इस बात का मलाल तो है लेकिन वो अपनी इस गैलरी को हंसते-हंसते विकास की भेंट चढ़ाना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने गैलरी में विदाई पार्टी का आयोजन किया। 


जिला भर के कला प्रेमियों, बुद्धिजीवियों और छायाकारों को इसमें आमंत्रित किया गया। बीरबल शर्मा ने बताया कि जिस गैलरी की बदौलत क्षेत्र और उन्हें एक नई पहचान मिली है उसे दुख के साथ क्यों विदा करना। उन्होंने कहा कि विकास के लिए अगर मिटना पड़ रहा है तो हंसते-हंसते क्यों नहीं। बीरबल शर्मा ने बताया कि कुछ वर्षों तक गैलरी के दर्शन नहीं होंगे क्योंकि सारे सामान को सहेज कर रखा जाएगा और नई गैलरी बनने के बाद ही इसका एक नए स्वरूप में दोबारा से शुभारंभ किया जाएगा। इस गैलरी की खासियत यह है कि इसमें किसी से कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता।


हाईवे से जाने वाले यात्री यहां रूककर छायाचित्रों के माध्यम से संपूर्ण हिमाचल के दर्शन करते हैं। लेकिन अब इसके चाहवानों में थोड़ी मायूसी देखने को मिल रही है। चाहवान नई गैलरी के जल्द स्थापित होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उल्लेखनीय है कि यह पूरे प्रदेश में इकलौती ऐसी गैलरी है जहां छायाचित्रों का इतना बड़ा संग्रह है। इसलिए इसे दोबारा से स्थापित करना किसी चुनौती से कम नहीं है। खासतौर पर तब जब इसमें शासन और प्रशासन का कोई सहयोग नहीं। विदाई पार्टी के बाद गैलरी को खाली करने का काम शुरू हो जाएगा और इस भवन को तोड़ दिया जाएगा, जिसके बाद यह भवन और गैलरी सिर्फ तस्वीरों में ही नजर आएंगे।


 

Ekta