हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल सुर्खियों में आया, जानिए क्या है मामला

Friday, Feb 09, 2018 - 09:43 PM (IST)

शिमला: हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल आई.जी.एम.सी. सुर्खियों में आ गया है। यहां के डैंटल कालेज में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षुओं ने कालेज व विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्रों से लेट फीस वसूलने का आरोप लगाया है। प्रशिक्षुओं का कहना है कि एक माह पहले कालेज के प्रधानाचार्य से इस मामले पर कार्रवाई की मांग की गई थी लेकिन आज भी यह मामला जस का तस है। प्रशासन क ा कहना है कि इस मामले में विश्वविद्यालय को पत्र लिख गया है, जिसका अभी तक जवाब नहीं आया है। प्रशासन के इस जवाब से प्रशिक्षु डाक्टर भड़क गए हैं। यह मामला बीते वर्ष का है लेकिन अभी तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। प्रशिक्षु चिकित्सकों का आरोप है कि विश्वविद्यालय और डैंटल कालेज ने मनमर्जी से छात्रों से लेट फीस वसूल की है।

कालेज और वि.वि. ने नहीं दी फार्म भरने की जानकारी
उनका कहना है कि फार्म भरने संबंधित जानकारी उन्हें न तो कालेज की ओर से दी गई थी और न ही वि.वि. की ओर से कोई नोटिस भेजा गया था। प्रशिक्षु छात्रों का आरोप है कि उन्हें फार्म भरने की अंतिम तिथि भी नहीं बताई गई थी। प्रशिक्षु डाक्टरों को 24 जनवरी, 2017 को फार्म भरने की तिथि बताई गई थी और इस अवधि में ही छात्रों ने फार्म भरे लेकिन बाद में कालेज प्रशासन व वि.वि. ने छात्रों से 1,200 रुपए लेट फीस ली। जिन छात्रों ने 1 फरवरी, 2017 को फार्म भरे, उनसे 3,600 रुपए लेट फीस वसूली गई। छात्रों का कहना है कि उन्हें 15 दिन का समय भी नहीं दिया गया। 

40 दिन में वापस करो वसूली लेट फीस
इस मामले पर डैंटल कालेज से बी.डी.एस. प्रशिक्षु डाक्टर अनिल आस्टा, अमित वर्मा, पूनम, नेहा, शीना, कनिका ठाकुर, आयुषी, तरन्नुम सोनी, निधि व अनुज कश्यप कालेज के प्रिंसीपल से भी मिले, जिन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया है कि इस मामले पर वि.वि. प्रशासन से बात की जाएगी व छात्रों से लेट फीस के नाम पर वसूले गए ज्यादा पैसों को वापस करवाया जाएगा लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई, ऐसे में छात्रों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 40 दिन में वसूली लेट फीस वापस नहीं की तो छात्र कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।