फिर छलका JOA अभ्यर्थियों का दर्द, बोले-सरकार बाहरी लोगों को दे रही जॉब

Tuesday, Aug 06, 2019 - 10:25 AM (IST)

हमीरपुर : वर्ष 2016 में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के तहत निकाली गई जे.ओ.ए.-556 की भर्ती मामले पर अभ्यर्थियों ने सरकार व हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है। अभ्यर्थियों सौरभ, दीपक, अमित शर्मा, दिग्विजय, अंकुश, अक्षय, अंशुल, प्रवीण, अनुभव, सुशील कटोच, श्यामली, सीमा, काव्या, गरिमा, रुही, मुक्ता, दीक्षा, अमित, हर्ष, अनिल, मनोज व कुलविंदर का कहना है कि सरकार व आयोग हायर एजुकेशन के अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया के दौरान बाहर का रास्ता दिखा रही है।

चाहे बात सर्वेयर की भर्ती की हो या जे.ई. की भर्ती हो या फिर जूनियर आफिस असिस्टैंट (आई.टी.) की भर्ती हो। इन सभी भर्ती प्रक्रिया में डिग्री धारकों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है और उन्हें कहा जा रहा है कि आप ज्यादा पढ़े लिखे हो। अभ्यर्थियों का कहना है कि इन भर्तियों के लिए एक तरफ समानता के अधिकार के नाम पर दूसरे राज्य के लोगों को हिमाचल में नौकरियां दी जा रही हैं। जूनियर ऑफिस असिस्टैंट (आई.टी.)-556 के अभ्यर्थियों का कहना है कि जे.ओ.ए.-556 की 600 सीटों को इसलिए रिक्त छोड़ा गया है क्योंकि उसमें डिग्री धारकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया।

अभ्यर्थियों का कहना है कि कर्मचारी चयन आयोग ने 2016 से चली आ रही इस भर्ती प्रक्रिया में डिग्री धारकों को अंतिम चरण तक पात्र माना था परंतु जब परिणाम घोषित किया गया तो आयोग ने डिग्री धारकों को अस्वीकार कर दिया और 600 सीटों को रिक्त रखना उचित समझा। अभ्यर्थियों का कहना है कि वर्ष 2014 के बाद से हर विभाग में आर. एंड पी. नियमों के तहत ही भर्तियां हुई हैं और सभी में डिग्री धारकों को योग्य माना गया है। पूर्व कांग्रेस सरकार ने भी इन्हीं आर. एंड पी. नियमों के तहत भर्ती की है, जिसमें डिग्री धारकों को लिया जाता था परंतु वर्तमान भाजपा सरकार डिग्री धारकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

kirti