4751 करोड़ की परियोजना को लेकर हिमाचल ने रखा पक्ष

Thursday, Jun 14, 2018 - 11:57 AM (IST)

शिमला: केंद्रीय जल आयोग (सी.डब्ल्यू.सी.) की बुधवार को दिल्ली में आयोजित बैठक में हिमाचल ने 4751 करोड़ की रेन वाटर हार्वेस्टिंग परियोजना को लेकर अपनी प्रैजैंटेशन दी। इसमें हिमाचल के अधिकारियों ने सी.डब्ल्यू.सी. को बताया कि किस तरह से पहाड़ों का पानी पहाड़ों पर रोककर नदी-नालों में बहने से रोका जाएगा, ताकि गिरते हुए भू-जल स्तर को सुधारा जा सके। सी.डब्ल्यू.सी. की बैठक में हिमाचल के आई.पी.एच. मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, सचिव आई.पी.एच. देवेश कुमार और प्रमुख अभियंता आई.पी.एच. अनिल बाहरी भाग लेने दिल्ली गए हैं। 

फिर से हिमाचल अपना प्रोजैक्ट रखेगा
सी.डब्ल्यू.सी. के बाद वीरवार को इस प्रोजैक्ट पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय की बैठक में चर्चा की जाएगी। इसमें फिर से हिमाचल अपना प्रोजैक्ट रखेगा। वित्त मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद केंद्र सरकार इसे फंडिंग के लिए विश्व बैंक, एशियन डिवैल्पमैंट बैंक, जायका या फिर ब्रिक्स बैंक को भेज सकती है। इस परियोजना के तहत प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश के पानी को नदी-नालों में बहने से रोकने का काम किया जाएगा।

ग्राऊंड वाटर का लेवल सुधारेगा
इसके लिए नदी-नालों पर चैकडैम और कैचमैंट एरिया में पानी को रोकने के लिए गड्ढे बनाए जाएंगे। इससे ग्राऊंड वाटर का लेवल सुधारेगा और तेज बारिश के कारण होने वाला भूक्षरण भी रुकेगा। वाटरमैन ऑफ इंडिया डा. राजेंद्र सिंह ने भी हिमाचल विधानसभा सचिवालय द्वारा चुने हुए विधायकों के लिए अप्रैल माह में आयोजित 2 दिवसीय कार्यशाला में जल संरक्षण का सुझाव दिया था। राज्य सरकार ने पिछले महीने ही यह परियोजना केंद्र को मंजूरी के लिए भेजी थी।

kirti