आलू का हब बना हिमाचल, पूरे देश को दे रहा बीज (Watch Video)

Friday, Oct 05, 2018 - 05:16 PM (IST)

शिमला (योगराज): हिमाचल प्रदेश देशभर में किसानों तक आलू की बीज पहुंचा रहा है जिससे देश के किसान अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में आलू की खेती को अंग्रेजों ने 17वीं शताब्दी में किचन गार्डनिंग के रूप में शुरू किया था। हिमाचल प्रदेश के किसानों द्वारा उत्पादित आलू के बीज और बेहतर किस्मों की बदौलत आज भारत दुनिया मे आलू उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। शिमला में केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के 70वें स्थापना दिवस पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने संस्थान को बधाई देते हुए ये बातें कही।

25 किस्में मैदानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त
हिमाचल के कुफरी में केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला ने अपने प्रारम्भ से लगभग 51 उच्च उपज वाली किस्मों का विकास विभिन्न सस्य जलवायु क्षेत्रों के लिये किया है। इनमें से 25 किस्में मैदानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं और 26 किस्में विभिन्न जैविक एवं अजैविक क्षेत्रों के उपयुक्त हैं। सस्थान की कुफरी में कुफरी ज्योति, कुफरी चन्द्रमुखी, कुफरी गिरिराज, कुफरी हिमालिनी, कुफरी शैलजा, कुफरी गिरधारी एवं कुफरी हिमसोना आदि आलू की प्रमुख किस्मों का बीज पैदा कर देश के किसानों तक पहुंचा रहा है।  

केंद्रीय मंत्री ने आलू अनुसंधान संस्थान के नए logo का किया उद्घाटन
देश में जीरो बजट प्राकृतिक कृषि पर राधा मोहन सिंह ने कहा है कि मिट्टी की उर्वरता शक्ति दिन प्रतिदिन रासायनिक कीटनाशक के प्रयोग से खत्म हो रही है और मनुष्य को गंभीर बीमारिया हो रही है। प्राकृतिक कृषि ही एक ऐसी तकनीक है जिससे किसान की आय बढ़ सकती है क्योंकि उस पर किसान की लागत शून्य है। स्वामी नाथन की राष्ट्रीय कृषि आयोग की रिपोर्ट में भी प्राकृतिक खेती के माध्यम से किसानों की आय को बढ़ाने की बात कही गई है। केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना बढ़ाए हैं। इस दौरान आलू अनुसंधान संस्थान शिमला ने आलू की विभिन्न किस्मों व बीज की प्रदर्शनी भी लगाई। केंद्रीय मंत्री ने आलू अनुसंधान संस्थान के नए logo का उद्घाटन भी किया।

Ekta