हिमाचल में GST लागू, जानिए कौन सी चीजें महंगी-सस्ती

Saturday, Jul 01, 2017 - 12:38 PM (IST)

शिमला: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से हिमाचल में कई सेवाएं और चीजें महंगी हो गई हैं। कुछ चीजें आपको सस्ती मिलेंगी तो कुछ के लिए आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। ऐसे में आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे कि कौन सी चीजें आपको सस्ती और कौन सी महंगी मिलेंगी। आइए हम आपको बताते हैं कि क्या सस्ता-महंगा। 


ये चीजें हुई महंगी-सस्ती
एक समान टैक्स प्रणाली से आने वाले दिनों में दवाइयों की कीमतों में भी गिरावट आएगी। खासतौर पर गरीब लोगों को सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध होंगी। हिमाचल दवा निर्माता संघ के अध्यक्ष एचएन सिंगला ने बताया कि जीएसटी से दवाइयों को बाहर रखा गया है। विश्व विख्यात कुल्लू शॉल महंगी मिलेगी। हालांकि स्लैब (पत्थर की पटिया) अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन भुट्टिको प्रबंधन का कहना है कि एक हजार से कम दाम वाली शॉल को 5 फीसदी टैक्स के दायरे में रखा गया है। जबकि इससे महंगी शॉल पर 12 फीसदी टैक्स लगेगा। भुट्टिको में तैयार किए जाने वाले रेडिमेड कपड़े 18 फीसदी टैक्स में ही रहेंगे। वहीं हिमाचल के होटलों में शुक्रवार आधी रात से लोगों के लिए रहने का बंदोबस्त सस्ता, जबकि रेस्तरां में खाना-पीना महंगा हो गया है। 


इन चीजों पर मिली इतने % छूट
यहां एक हजार रुपए से कम किराए वाले कमरों में रहना पूरी तरह से टैक्स फ्री हो गया है। लेकिन 4999 रुपए तक का कमरा लेने पर ज्यादा से ज्यादा 18 फीसदी टैक्स ही लगेगा जबकि इससे पहले सभी होटलों पर 19 फीसदी तक टैक्स लिया जा रहा था। बताया जाता है कि 1000 से 2499 रुपए तक के कमरों पर 12 प्रतिशत, 2500 से 4999 रुपए तक पर 18 प्रतिशत और 5000 या इससे ज्यादा पर 28 प्रतिशत टैक्स लगेगा। उधर, रेस्तरां में अब खाने-पीने की ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। नॉन एसी में ग्राहकों से 5 फीसदी वैट वसूला जाता था जबकि एसी वाले में 5 फीसदी वैट के साथ-साथ 5.6 फीसदी सर्विस टैक्स लिया जा रहा था। अब नॉन एसी रेस्तरां में 12 और एसी में 18 फीसदी जीएसटी वसूला जाएगा। इतना ही नहीं अब फाइव स्टार होटलों में 28 फीसदी जीएसटी देना होगा। शिमला होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी सूद ने नई कर व्यवस्था के प्रभावी होने की पुष्टि की है। खास बात यह है कि बैंक्वेट हॉल और होटल में शादी पर लोगों को टैक्स से राहत मिलेगी। नई दर पर मेरिज हॉल बुकिंग पर 18 फीसदी टैक्स लगाने का प्रावधान किया गया है।