14वें वित्तायोग की इतनी प्रतिशत राशि खर्च नहीं कर पाया हिमाचल

Tuesday, Jun 19, 2018 - 10:32 PM (IST)

शिमला: राज्य को 14वें वित्तायोग से मिली 60 फीसदी राशि अब तक खर्च नहीं हो पाई है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने पंचायतों से 1 साल में 5 बड़े काम करवाने का निर्णय लिया है। इससे वित्तायोग से मिली राशि का सही उपयोग हो पाएगा। यह पहला मौका है कि जब सरकारी स्तर पर पंचायतों से 1 साल के भीतर 5 बड़े कार्य करवाने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 3,226 पंचायतें हैं और पंचायतों को 5 साल की अवधि यानी वर्ष, 2015-16 से वर्ष, 2019-20 के लिए करीब 1,800 करोड़ रुपए खर्च करने हैं। इससे करीब 25 फीसदी राशि को पहले ही स्वच्छता पर व्यय करने का निर्णय लिया जा चुका है तथा शेष राशि को पंचायतों में होने वाले अन्य कार्यों पर खर्च किया जाएगा।


टैंकों, तालाब और रास्तों के निर्माण पर खर्च होगी राशि
इसमें पंचायत स्तर पर टैंकों, तालाब और रास्तों के निर्माण के अलावा अन्य कार्यों पर खर्च किया जाएगा। इसी तरह पंचायत स्तर पर मनरेगा से जुड़े लोगों को पौधारोपण से भी जोड़ा जाएगा। जहां तक 25 फीसदी राशि को स्वच्छता पर खर्च करने का लक्ष्य है तो उसके तहत सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करने के अलावा पंचायतों में सीवरेज व्यवस्था को भी चुस्त-दुरुस्त किया जा सकता है।


बी.पी.एल. सूची इसी माह होगी ठीक
 सरकार बी.पी.एल. सूची को इसी माह ठीक करने जा रही है। अब तक करवाए गए विभागीय सर्वे में 31,000 से अधिक लोगों को बी.पी.एल. सूची से बाहर किया गया है। विभागीय सर्वे में 25,000 से अधिक नए परिवार शामिल किए गए हैं। अब 770 पंचायतों की रिपोर्ट को अलग से तैयार किया जा रहा है। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि जो परिवार सूची से बाहर हुए हैं, उन्हें अगले 5 साल तक सूची में शामिल नहीं किया जाएगा, साथ ही प्रयास यह भी रहेगा कि एक बार बी.पी.एल. सूची से बाहर हुए लोग दोबारा इसमें शामिल न हों।

Vijay