Himachal: त्योहारों में सक्रिय हुए साइबर ठग, फोन हैक होने के ये हैं बड़े संकेत... ऑफर के नाम पर भेज रहे झूठे संदेश
punjabkesari.in Wednesday, Oct 15, 2025 - 01:32 PM (IST)

बिलासपुर, (बंशीधर) : त्यौहारी सीजन में साइबर ठगों ने लोगों को ठगने के लिए अब नए हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार दीपावली सहित त्यौहारी मौसम में जहां बाजारों में रौनक है, वहीं साइबर ठग भी सक्रिय हो गए हैं। ठग अब "बंपर ऑफर" और "धमाका ऑफर" के नाम पर मोबाइल पर व्हाट्सएप, संदेश और सोशल मीडिया के माध्यम से खतरनाक एपीके (एप्लीकेशन) फाइलें भेजकर लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। इन फाइलों पर क्लिक करते ही ठग लोगों के मोबाइल फोन का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लेते हैं और उनकी निजी जानकारी, बैंक खातों और गैलरी तक पहुंच बना लेते हैं
पुलिस विभाग द्वारा लोगों को साइबर ठगी से बचने के लिए परामर्श जारी किया गया है कि ठग बंपर ऑफर. एपीके, पी. एम. किसान. एपीके, एस.बी.आई. योनो अपडेट. एपीके, आर.टी.ओ.एपीके, ग्राहक सेवा.एपीके, आर.टी.ओ. चालान. एपीके, वाहन चालान. एपीके, निमंत्रणपत्र. एपीके, एस.बी.आई.कार्ड. एपीके जैसी फाइलें भेज रहे हैं। जो लोग लालच में आकर इन्हें डाऊनलोड करते हैं, उनका फोन पूरी तरह ठगों के कब्जे में चला जाता है। इसके बाद ठग मोबाइल में रखी सभी जानकारी चुरा लेते हैं और कई बार बैंक खातों से रकम भी उड़ा लेते हैं।
ऐसे होती है ठगी
साइबर अपराधी सबसे पहले किसी लुभावने संदेश के माध्यम से व्यक्ति को “ईनाम", "ऑफर" या "सरकारी योजना" का झांसा देते हैं। जब व्यक्ति उस लिंक या फाइल पर क्लिक करता है, तो एक खतरनाक सॉफ्टवेयर अपने आप मोबाइल में इंस्टॉल हो जाता है। यह सॉफ्टवेयर मोबाइल के सभी अधिकार मांगता है और एक बार अनुमति मिलते ही मोबाइल को ठग दूर से नियंत्रित करने लगते हैं। इससे वे बिना ओ.टी.पी. या पासवर्ड के बैंक खातों से पैसा निकाल लेते हैं।
पुलिस विभाग ने कहा है कि किसी भी अज्ञात नंबर से आए लिंक या एपीके फाइल पर कभी भी क्लिक न करें और न ही इंस्टॉल करें। किसी भी बैंक, सरकारी योजना या योजना से संबंधित जानकारी केवल आधिकारिक वैबसाइट या मान्य मोबाइल स्टोर (गूगल प्ले स्टोर / एप्पल स्टोर) से ही प्राप्त करें। कोई भी सरकारी संस्था या बैंक व्हाट्सएप या संदेश के माध्यम से एप डाऊनलोड करने को नहीं कहता।
गलती होने पर तुरंत करें ये काम
पुलिस विभाग ने कहा है कि यदि गलती से फाइल खोल ली है तो तुरंत मोबाइल डेटा और वाई-फाई बंद करें, फोन को सुरक्षित मोड में चालू करें और संदिग्ध एप हटाएं, अपने सभी बैंक पासवर्ड, यू.पी.आई. पिन और अन्य गोपनीय जानकारी तुरंत बदलें तथा घटना की जानकारी नजदीकी साइबर थाना या राष्ट्रीय साइबर हैल्पलाइन 1930 पर दें।
ये हैं फोन हैक होने के संकेत
पुलिस विभाग के मुताबिक यदि फोन धीमा चल रहा या बार-बार हैंग हो रहा है तो आपका फोन हैक कर लिया गया। इसके अतिरिक्त बैटरी का जल्दी खत्म होना, मोबाइल डेटा की खपत अचानक बढ़ना, अपने आप संदेश भेजे जाना या अज्ञात एप दिखना तथा बैंक खाते से बिना अनुमति लेन-देन होना भी फोन हैक होने के संकेत हो सकते हैं।
संदीप धवल, एस.पी. बिलासपुर का कहना है कि अभी तक जिले में इस तरह की ठगी का कोई मामला सामने नहीं आया है। लोगों से अपील है कि वे खुद भी सावधान और अपने परिजनों, खासकर बुजुर्गों तथा तकनीकी जानकारी न रखने वालों को सतर्क करें। किसी भी आकर्षक ऑफर, ईनाम या योजना के नाम पर आए संदेश पर भरोसा न करें। ठगों से बचाव के लिए सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है।