Himachal: चिट्टे का कहर, बच्चों ने मां-बाप को भी दवा बताकर लगाई नशे की लत
punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2025 - 10:11 AM (IST)
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सलापड़ क्षेत्र में नशे की लत ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है। चिट्टे (हीरोइन का एक प्रकार) की गिरफ्त में न सिर्फ युवा बल्कि बुजुर्ग भी आ चुके हैं। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि जब बच्चों को घर से पैसे नहीं मिले, तो उन्होंने अपने माता-पिता को भी नशे का स्वाद चखा दिया। किसी ने इसे दर्द की दवा बताकर परिजनों को इसका आदी बना दिया तो किसी ने अन्य बहाने से धोखे में रखकर उन्हें इस दलदल में धकेल दिया। आज स्थिति यह है कि कई परिवार इस लत की चपेट में आ चुके हैं और नशे के लिए अपने गहने, बर्तन, यहां तक कि घर के पेड़-पौधे तक बेचने को मजबूर हो रहे हैं।
मां-बेटे की दर्दनाक कहानी
एक महिला को उसके बेटे ने घुटनों के दर्द की दवा बताकर चिट्टा देना शुरू कर दिया। जब दर्द में राहत मिली तो महिला ने खुद से यह दवा मांगनी शुरू कर दी और धीरे-धीरे उसे लत लग गई। नशे के लिए घर की सारी जमा पूंजी खत्म हो गई। इसके बाद मां-बेटे ने रिश्तेदारों से उधार लेना शुरू कर दिया।
बार-बार पैसे मांगने और उनके व्यवहार में बदलाव से रिश्तेदारों को शक हुआ। जब सच्चाई सामने आई तो पता चला कि उन्होंने घर के गैस सिलेंडर, बर्तन और पेड़ तक बेच दिए थे। जब परिवार की शादीशुदा बेटियों को इस बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने अपनी मां और भाई को नशे की लत से बाहर निकालने की कोशिश शुरू कर दी।
नशे का बढ़ता कारोबार और डर का माहौल
सलापड़ क्षेत्र में चिट्टे का कारोबार खुलेआम चल रहा है। एक साल के भीतर तीन युवाओं की मौत हो चुकी है। यहां तक कि लोग खुलकर बोलने से भी डरते हैं क्योंकि नशा माफिया का खौफ बहुत ज्यादा है।
मंडी की पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा का कहना है कि पुलिस लगातार चिट्टे और अन्य नशों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। बॉर्डर इलाकों में भी सख्ती बढ़ाई गई है और भविष्य में इस अभियान को और तेज किया जाएगा।