हिमाचल में विधानसभा चुनावी दंगल शुरु, जानें पिछले 24 सालों के दिलचस्प नतीजे

Wednesday, Oct 18, 2017 - 02:16 PM (IST)

शिमला(राहुल): हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की 68 सीटों का दंगल शुरु हो गया है। 13वीं बार विधानसभा चुनाव होंगे जिसके मतदान की तारीख चुनाव आयोग द्वारा 9 नंबवर तय की गई और वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी। अगर हिमाचल में हुए पिछले 24 सालों के चुनावी नतीजों पर नजर डाली जाए तो आंकड़े काफी दिलचस्प हैं। यहां के लोग हर 5 साल बाद अलग-अलग पार्टियों को सत्ता सौंपती आई है। 

साल 1993 में हुए चुनावों के दौरान वीरभद्र सिंह ने क्षेत्र रोहडू से चुनाव लड़ा और भारी जीत हासिल कर तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। कांग्रेस ने 67 उम्मीदवारों को खड़ा किया जिसमें उन्होनें 52 सीटों पर कब्जा किया। जबकि बीजेपी ने 68 सीटों में से कुल 8 सीटें जीती थीं। यह बीजेपी की प्रदेश में सबसे बड़ी हार रही थी। इससे पहले वीरभद्र ने 1983 में पहली बार सत्ता हासिल की थी। 

1998 में बीजेपी को मिला माैका 
विधानसभा चुनाव 1993 में मिली हार से सबक लेते हुए बीजेपी ने 24 मार्च 1998 में हुए चुनावों में वापसी की। बीजेपी ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 31 सीटों पर कब्जा किया। प्रेम कुमार धूमल पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और उन्होंने 6 मार्च 2003 तक कुर्सी संभाली। 

2003 में जनता ने सौंपी कांग्रेस को सत्ता 
5
साल तक बीजेपी को परखने के बाद प्रदेश के लोगों ने 6 मार्च 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता सौंपी और वीरभद्र सिंह फिर से मुख्यमंत्री बने। इस बार कांग्रेस ने 68 सीटों मे से 43 सीटों पर कब्जा किया। प्रदेश में मतदान का कुल औसत 77.96% रहा, जिनमें 41.00% मतदान कांग्रेस के पक्ष में रहा। 

2007 में फिर लौटी बीजेपी 
प्रदेश की जनता ने 30 दिसंबर 2007 में हुए चुनावों के दौरान फिर से सरकार बदलने में विश्वास रखा और बीजेपी को एक बार फिर मौका दिया। इस बार प्रदेश में 90.78% रिकॉर्ड तोड़ मतदान हुआ, जिसमें 43.78% मतदान बीजेपी के पक्ष में रहा और प्रेम कुमार धूमल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। बीजेपी ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा और 41 सीटें जीतकर अपनी सरकार बनाई।

2012 में मिला कांग्रेस को मौका 
25 दिसंबर, 2012 को हुए चुनावों में एक बार फिर कांग्रेस ने प्रदेश में अपनी सरकार बनाई। कांग्रेस ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 36 सीटों पर कब्जा किया।