गुलमर्ग में छाए हिमाचल के खिलाड़ी, अब ईरान में बढ़ाएंगे देश का मान

Sunday, Feb 04, 2018 - 10:26 PM (IST)

मनाली: मनाली के पलचान की होनहार संध्या ने गुलमर्ग में आयोजित ट्रायल प्रतियोगिता में रविवार को प्रदेश को स्वर्ण दिलाया है। संध्या ने स्कीइंग की जाइंट स्लालम प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त कर इसी महीने ईरान में आयोजित होने जा रही जूनियर एशियन अल्पाइन प्रतियोगिता में भाग लेने को भारत की टीम में जगह बना ली है। मनाली की वर्षा ठाकुर दूसरे स्थान पर रही है। वर्षा ने भी भारतीय टीम में जगह बना ली है। लड़कों के वर्ग में मनाली के सोलंगनाला गांव के युवा अनिल ठाकुर दूसरे स्थान पर रहे हैं। इस वर्ग में आर्मी के दिग्विजय सिंह ने पहला स्थान झटका है। इन सभी खिलाडिय़ों का फरवरी में ईरान में आयोजित होने जा रही जूनियर एशियन अल्पाइन प्रतियोगिता के लिए भारतीय टीम में चयन हो गया है।

सलालम प्रतियोगिता के लिए जारी है ट्रायल 
इस वर्ष सोलंगनाला में बर्फबारी न होने से स्थानीय स्कीयर अभ्यास नहीं कर पाए हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश विंटर गेम्स एसोसिएशन ने बेहतरीन अभ्यास करवाने का प्रयास किया है। हिमाचल प्रदेश टीम के प्रभारी पूर्ण ठाकुर सागू एवं कोच गोकुल ठाकुर व नारायण ठाकुर ने बताया कि जूनियर वर्ग की भारतीय टीम में वर्षा देवी व संध्या तथा अनिल ने जगह बना ली है जबकि सलालम प्रतियोगिता के लिए अभी ट्रायल जारी है। अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान की टीम भी चयन के लिए गुलमर्ग आई है। इस टीम में योगेश, चंदन सेठी व पारस का ट्रायल जारी है। 

चयनित खिलाड़ियों को दी बधाई
हिमाचल प्रदेश विंटर गेम्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं विंटर गेम्स फैडरेशन के उपाध्यक्ष रूप चंद नेगी ने चयनित सभी खिलाड़ियों को बधाई दी है। उन्होंने बताया कि शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने को हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फरवरी में ईरान में आयोजित होने जा रही एशियन अल्पाइन प्रतियोगिता के लिए गुलमर्ग में जिन खिलाडिय़ों का चयन हुआ है उन्हें अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा प्रतियोगिता के लिए तैयार किया जाएगा। 

क्या है जाइंट सलालम व सलालम प्रतियोगिता 
अल्पाइन स्कीइंग की प्रतियोगिता जाइंट सलालम व सलालम 2 प्रकार की होती है। इस खेल में खिलाड़ी बर्फ की ढलान पर बने ट्रैक पर दोनों दिशा में लगे झंडे को छूकर नीचे उतरता है। सलालम में ट्रैक की दूरी कम होती है जबकि जाइंट सलालम प्रतियोगिता में ट्रैक की दूरी अधिक रहती है।