हिमाचल की बेटी ने बढ़ाया मान, सिंगापुर में बिखेरेगी मॉडलिंग के जलवे

Wednesday, Jul 26, 2017 - 12:13 AM (IST)

कुल्लू: मॉडलिंग की दुनिया में कुल्लू की श्रेया कौशल ने देवभूमि का नाम अंतर्राष्ट्रीय पटल पर चमका दिया है। मूल रूप से सुल्तानपुर की रहने वाली श्रेया ने हिमाचल मिस फिटनैस का खिताब अपने नाम करते हुए सिंगापुर का टिकट ले लिया है। अब श्रेया सिंगापुर में मॉडलिंग की दुनिया में देवभूमि की सुंदरता को बिखेरेगी। पहाड़ी युवती की इस उपलब्धि से देवभूमि भी गौरवान्वित है। श्रेया का सपना है कि वह मॉडलिंग की दुनिया में मिस वल्र्ड फिटनैस मॉडलिंग का खिताब भी अपने नाम करे। इसके बाद वह बॉलीवुड की दुनिया में अगला कदम रखना चाहती है।

चंडीगढ़ की शिपिंग कंपनी में कर रही नौकरी
4 मई, 1996 को कुल्लू में जन्मी श्रेया की प्राथमिक शिक्षा कुल्लू के निजी स्कूल में हुई और इसके बाद श्रेया कौशल ने वूमैन सरकारी पॉलीटैक्रीक कालेज कंडाघाट से डिप्लोमा हासिल किया। इसके बाद अमरीका की कंपनी से एडवांस कोर्स चंडीगढ़ से किया। वहीं वर्तमान में वह चंडीगढ़ की शिपिंग कंपनी वेड मैरी टाइम में नौकरी कर रही है। नौकरी के साथ-साथ उसे मॉडलिंग का बेहद शौक है और काफी समय वह मॉडलिंग में भी लगाती है। इसी का परिणाम है कि आज श्रेया का चयन मिस हिमाचल फिटनैस मॉडल के बाद सिंगापुर के लिए हुआ है। इससे पहले मुंबई में भी वह राष्ट्रीय स्तरीय इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए तैयार है। श्रेया बताती है कि वह स्कूल में भी कई बार डांसिंग में प्रथम आई है और मॉडलिंग में पहली बार निफ्ड में प्रवेश किया था तथा यहां भी कई जगह प्रतियोगिता में भाग लिया और विभिन्न स्थानों पर अपनी जगह बनाई।

मां के प्यार ने दिखाई मंजिल 
श्रेया के सिर से पिता का साया उसी समय उठ चुका था जब वह पहली कक्षा में पढ़ती थी। इसके बाद माता माधवी कौशल ने श्रेया को पिता और माता दोनों का प्यार देते हुए इस मुकाम तक पहुंचाया। श्रेया की माता माधवी कौशल एक स्कूल में अध्यापन का कार्य करती हैं। श्रेया बताती है कि अगर मां का प्यार और आगे बढऩे की हिम्मत नहीं मिलती तो शायद आज वह इस मुकाम को हासिल नहीं कर पाती। मां के प्यार ने उसे मंजिल दिखाई, वहीं वह भाई सुलभ कौशल के अलावा गुरुजनों व रिश्तेदारों व जिम-13 के प्रायोजिक मनीष कश्यप को भी इस कामयाबी का श्रेय देती है। 

बेटियों को न समझें कम
श्रेया कहती है कि हिमाचल के प्रत्येक मां-बाप अपनी बेटियों को कम न समझें तथा बेटियों को भी बेटों की तरह उनकी रुचि के अनुसार आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहन दें ताकि वे प्रदेश सहित अपने देश का नाम रोशन कर सकें।