हिमाचल के ‘इस’ धार्मिक पयर्टन स्थल की सुंदरता पर लगा दाग, जानिए कैसे

Monday, May 01, 2017 - 12:43 AM (IST)

जंजैहली: सरकारी तंत्र के उदासीन रवैये और प्रशासनिक अव्यवस्था से हिमाचल के धार्मिक पर्यटन स्थल शिकारी देवी की प्राकृतिक छटा और सौंदर्य संकट में पड़ गया है। माता शिकारी देवी के कपाट खुलते ही अतिक्रमणकारियों ने मंदिर परिसर के आसपास अपने खोखे सजा दिए हैं जबकि यह क्षेत्र वन्य प्राणी अभ्यारण्य के तहत आता है। रायगढ़ से लेकर शिकारी धार तक बिना अनुमति 2 दर्जन खोखे खुल गए हैं जो शिकारी देवी की प्राकृतिक छटा और सौंदर्य को दागदार कर रहे हैं। शिकारी देवी माता के दर्शनों के लिए रोजाना देश-प्रदेश से हजारों श्रद्धालु आते हैं मगर शिकारी देवी धार पर उन्हें गंदगी से दो-चार होना पड़ रहा है।



डस्टबिन न होने से खुले में फैंका जा रहा कचरा
शिकारी देवी मंदिर परिसर व आसपास डस्टबिन न होने से श्रद्धालु खुले में खाली बोतलें व पॉलीथीन का कचरा बिखेर देते हैं। शिकारी देवी के दर्शन कर लौटे जंजैहली निवासी यादवेंद्र ठाकुर ने कहा कि बेतरतीब तरीके से बने इन अवैध खोखों के इर्द-गिर्द गंदगी पसरी रहती है। अपनी कमाई में व्यस्त खोखाधारकों को शिकारी देवी की सुंदरता से कोई सरोकार नहीं है। हमीरपुर से अपने दोस्तों संग माता के दर्शन करने आए राजीव मनकोटिया ने कहा कि शिकारी देवी में सामान्य दाम पर खाने-पीने की चीजें मिलनी चाहिए ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। 



तंग सड़क पर वाहनों से खतरा बढ़ा
रायगढ़ से आगे शिकारी देवी की सड़क अत्यंत तंग है और छोटे वाहन भी आसानी से पास नहीं हो पाते हैं। 15 अप्रैल के बाद से यहां आने वाले वाहनों की तादाद लगातार बढ़ रही है। प्रशासन ने हालांकि शिकारी धार में लगभग 100 छोटे वाहनों की पार्किंग का स्थान बनाया है लेकिन ज्यादा वाहन आने से हालात और विकट हो जाते हैं। स्थानीय टैक्सी चालक पुष्प कु मार ने बताया कि सड़क तंग होने के कारण बाहर से आने वाले वाहन चालकों को ज्यादा परेशानी हो रही है जिससे हादसे भी हो रहे हैं। उन्होंने रायगढ़ से लेकर शिकारी देवी तक सड़क को चौड़ा करने की मांग की है।

ईको फ्रैंडली कैंटीन व डस्टबिन लगाए जाएं
लोगों ने मांग की है कि सरकार व माता शिकारी देवी मंदिर न्यास को शिकारी धार में अवैध खोखों के स्थान पर ईको फ्रैं डली कैंटीन स्थापित करनी चाहिए, जिसमें स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सके, साथ ही ईको फैं्र डली डस्टबिन लगाए जाने की आवश्यकता है। रायगढ़ से शिकारी देवी और शंकरदेहरा से शिकारी देवी तक सड़कों को दुरुस्त कर बस योग्य बनाया जाना चाहिए।