‘इस’ बीमारी की गिरफ्त में पहाड़ी क्षेत्रों के बच्चे

Sunday, Dec 04, 2016 - 08:36 PM (IST)

शिमला: जहां प्रदेशभर में मधुमेह (डायबिटीज) रोग से लोग पीड़ित हैं, वहीं अब प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र के खासकर छोटे बच्चे इस बीमारी की गिरफ्त में आ रहे हैं। यही नहीं, जनजातीय क्षेत्र भी इस बीमारी से अछूते नहीं हैं। यहां तक कि यह बीमारी विश्व में सर्वाधिक ऊंचाई पर बसे जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति जिला के हिक्किम तथा कोमिक गांवों में भी पाई गई है। इन दिनों राजधानी के अस्पतालों में 20 से 25 मामले सामने आ रहे हैं। 

हिमाचल प्रदेश में सिरमौर, कुल्लू, मंडी व शिमला आदि जिलों में सबसे अधिक मधुमेह रोग फैला हुआ है। चिकित्सकों का कहना है हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में यह रोग कम फैलता था क्योंकि पहले लोग बगीचों में मेहनत करते थे जिसके कारण वे बीमारियों से दूर रहते थे लेकिन वर्तमान मशीनी युग में लोग आलसी हो गए हैं जिसके कारण मधुमेह तेजी से पांव पसार रहा है। हिमाचल प्रदेश में 7 प्रतिशत लोगों में मधुमेह रोग फैल चुका है। 

डायबिटीज के लक्षण
बहुत ज्यादा प्यास लगना, ज्यादा पेशाब आना, भूख ज्यादा लगना, वजन कम होना, थकान और कमजोरी लगना, शरीर में बार-बार इन्फैक्शन होना व जख्म का न भरना आदि हैं। 

डायबिटीज के रोग से बचने के तरीके 
अपना वजन कम करना, व्यायाम और सैर करना, खान-पान में तेल व घी का कम प्रयोग करना, कम चीनी व ज्यादा रेशेदार खाने की चीजों का प्रयोग करना, ङ्क्षचता दूर करने के लिए योग व ध्यान का सहारा लेना, समय-समय पर डाक्टर की सलाह लेना व जांच करवाना।

आई.जी.एम.सी. के प्रोफैसर डा. मोक्टा ने बताया कि अस्पताल में हर रोज मधुमेह के मरीज आ रहे हैं। इनमें खासकर छोटे बच्चे इस बीमारी की गिरफ्त में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को इसके बारे में जागरूक भी किया जा रहा है। चिकित्सकों द्वारा मधुमेह से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है।