स्कूलों में अध्यापकों की कमी पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, शिक्षा सचिव से मांगा जवाब

Wednesday, Jun 20, 2018 - 08:54 PM (IST)

शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी के चलते शिक्षा सचिव को शपथ पत्र के माध्यम से हाईकोर्ट को यह अवगत करवाने को कहा है कि उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम व सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए पारित निर्णयों की अनुपालना में आज तक क्या कदम उठाए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के पश्चात ये आदेश जारी किए। कोर्ट ने विश्वास जताया कि प्रदेशभर में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने के लिए राज्य सरकार द्वारा जल्द ही कारगर कदम उठाए जाएंगे।


रिक्त पड़े पदों को भरना राज्य सरकार का दायित्व
न्यायालय ने कहा कि शिक्षकों के पदों की रिक्तियों के चलते स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और यह राज्य सरकार का दायित्व बनता है कि स्कूलों में रिक्त पड़े पदों को तुरंत भरे। कोर्ट ने पिछले आदेशों में शिक्षा सचिव को पूछा था कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। यदि कदम उठाए गए हैं तो किस स्टेज तक पहुंचे हैं।


अदालतों में लम्बित पड़े मामले अध्यापकों की कमी की एक वजह
शिक्षा सचिव ने पिछले शपथ पत्र में कहा था कि स्कूलों में अध्यापकों की कमी की एक वजह अदालतों में लम्बित पड़े मामलों का होना भी है। इस पर कोर्ट ने यह भी पूछा था कि वे कौन-कौन से मामले हैं, जिसके कारण सरकार स्कूलों में रिक्त पड़े पदों को नहीं भर पा रही है। जबकि वास्तविकता यह है कि शिक्षा विभाग कोर्ट के आदेशों के बावजूद शिक्षकों को समय पर नियुक्ति प्रदान नहीं करता, जिसका खमियाजा स्कूली छात्रों की भुगतना पड़ता है।


प्राइमरी, अप्पर प्राइमरी व सी.एंड वी. के इतने पद रिक्त
शिक्षा सचिव के अनुसार प्राइमरी स्कूलों में 1754, अप्पर प्राइमरी स्कूलों में 2499 व सी.एंड वी. अध्यापकों (ओरल टीचर, भाषा अध्यापक, कला अध्यापक व शारीरिक शिक्षा अध्यापक) के 5277 पद रिक्त पड़े हैं। शिक्षा विभाग के लिए शिक्षकों की तनख्वाह देने को जारी कुल बजट का 23 प्रतिशत हिस्सा केवल इसलिए लैप्स हो जाता है कि ये पद सरकार द्वारा भरे ही नहीं गए हैं। मामले पर सुनवाई 11 जुलाई को होगी। शिक्षा सचिव को कोर्ट के समक्ष हाजिर रहने के आदेश जारी किए गए हैं।

Vijay