हाईकोर्ट में आज स्टेटस रिपोर्ट फाइल करेगी सरकार

Tuesday, Feb 28, 2017 - 02:12 PM (IST)

शिमला: वन और सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को लेकर राज्य सरकार मंगलवार को हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट फाइल करेगी। इसके लिए सरकारी तंत्र पूरी तरह से तैयार है। खासकर वन महकमे के आला अधिकारियों ने पूरा रिकॉर्ड खंगाल लिया है। कब्जे हटाने को लेकर हाईकोर्ट काफी सख्त है। इसे देखते हुए अधिकारी हरेक बिंदु को बारीकी से देख रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इस महीने 15 फरवरी तक की रिपोर्ट बनाई गई है। इसके मुताबिक 10 बीघा से कम कब्जाई जमीन के 4303 मामलों का रैवेन्यू कोर्ट में चालान हुआ है। इसमें कब्जाधारियों ने 630 बीघा जमीन कब्जाई है। इनमें से 1446 केसों में कोर्ट से फैसला आ गया है जबकि 1045 केसों में कब्जाई जमीन खाली करवा दी गई है। 


10 बीघा कब्जाई जमीन के हैं ये केस
कुल मिलाकर मौके से 127 हैक्टेयर भूमि छुड़वाई गई है। बाकी मामले रैवेन्यू कोर्ट में लंबित पड़े हैं। बिलासपुर जिला में 76, हमीरपुर में 4, कांगड़ा में 910, कुल्लू में 65, किन्नौर में 3, मंडी में 565, शिमला में 2451 व सिरमौर में 228 मामलों का कोर्ट में चालान हुआ है। इनमें से कांगड़ा में 615, कुल्लू में 41, मंडी में 62, शिमला में 500 व सिरमौर में 228 केसों में कोर्ट से निर्णय हो चुके हैं। दूसरी तरफ 10 बीघा से अधिक कब्जाई जमीन के मामलों में ज्यूडीशियल कोर्ट से करीब 1150 केसों में फैसले आए हैं जबकि थानों में अढ़ाई हजार मामलों की प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी। इनमें से ज्यादातर मामलों का कोर्ट में चालान हो चुका है। पुलिस की कार्रवाई भी कोर्ट के आदेश पर हुई थी। 


चुनावी साल में मौजूदा सरकार ने कब्जाधारियों को राहत देने के लिए तैयार की नई स्कीम
चुनावी साल में मौजूदा सरकार ने कब्जाधारियों को राहत देने के लिए नई स्कीम तैयार की है। इसमें 5 बीघा तक की जमीन को नियमित किया जाएगा। इस स्कीम को पहले ही कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है लेकिन इसकी कानूनी पेचीदगियां भी कम नहीं हैं। सरकार को इस स्कीम पर भी हाईकोर्ट की स्वीकृति लेनी होगी। इसके लिए सरकार कानूनविदों से कानूनी सलाह भी ले रही है। अगर यह सिरे न चढ़ी तो फिर उस सूरत में सरकार की किरकिरी कम नहीं होगी। सरकार इस मामले में फूंक कर कदम रख रही है। हालांकि इसकी दूसरी तस्वीर भी है। जिन लोगों ने कानून का पालन किया और अवैध कब्जे नहीं किए वे अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।


कइयों ने कायम किया ‘जंगलराज’
प्रदेश में ऐसे मामलों की तादाद भी काफी ज्यादा है, जहां रसूखदारों ने ‘जंगलराज’ कायम किया। उन्होंने पहले जंगलों पर कुल्हाड़ी चलाई फिर उस भूमि में सेब के पौधे रोपे। सरकारी तंत्र पूरी तरह से खामोश रहा। कई दशकों तक ऐसा ही खेल चलता रहा लेकिन हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब ऐसे कब्जाधारियों के होश फाख्ता हो गए हैं। कोर्ट ने अवैध कब्जों के जरिये मोटी कमाई करने वालों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) से प्राथमिकी दर्ज करवाने के आदेश दे रखे हैं।