धर्मशाला में अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट सख्त, दिए तुरंत कार्रवाई के आदेश

Thursday, Jan 10, 2019 - 10:20 AM (IST)

कांगड़ा : प्रदेश हाईकोर्ट ने धर्मशाला निगम क्षेत्र में हुए अवैध निर्माणों की जानकारी मांगते हुए नगर निगम धर्मशाला को आदेश दिए हैं कि वह स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई कोर्ट के समक्ष रखे। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने निगम आयुक्त को आदेश दिए कि वह इंजीनियरिंग विंग के सक्षम कर्मियों को हिदायत दें कि वे कम से कम हर पखवाड़े में एक बार क्षेत्र के विभिन्न इलाकों का दौरा करें और दौरे के दौरान पाए गए अवैध निर्माण अथवा अतिक्रमण की रिपोर्ट उन्हें सौंपें।

इसके पश्चात अवैध निर्माण पाए जाने पर मालिक को एक सप्ताह के भीतर कारण बताओ नोटिस जारी करें। यदि अवैध निर्माण साबित हो जाए तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के आदेश भी दिए गए हैं। कोर्ट ने डी.सी. व एस.पी. कांगड़ा को नगर निगम की पूरी सहायता करने के आदेश भी दिए। मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि धर्मशाला में बिल्डिंग बायलॉज को लागू करने की शक्तियां 20 फरवरी, 2018 से ही दी गई हैं। इससे पहले क्षेत्र में निर्माणों को देखने का दायित्व टी.सी.पी. के पास था। कोर्ट ने वर्ष 2005 से 2018 तक के उन सभी टी.सी.पी. के निदेशक व प्लानर के नाम उनकी मौजूदा पोसिंटिंग सहित कोर्ट को देने के आदेश दिए जो उस दौरान धर्मशाला में तैनात थे।

मामले पर सुनवाई 25 फरवरी को होगी। मामले के अनुसार प्रार्थी यशवंत सिंह संधू ने धर्मशाला के वार्ड नं.-9 गांव सकोह में कुलजीत सिंह संधू पर अवैध निर्माण करने के आरोपों को लेकर याचिका दायर की है। मामले पर सुनवाई के दौरान निगम आयुक्त धर्मशाला कोर्ट में उपस्थित थे। उनकी स्टेटस रिपोर्ट देखने पर कोर्ट ने पाया कि निगम के सहायक अभियंता उक्त निर्माण के संदर्भ में संबंधित अथॉरिटी को गुमराह करने के लिए उत्तरदायी हैं। कोर्ट ने एस.डी.एम. धर्मशाला को भी आदेश दिए कि वह राजस्व अधिकारियों की टीम बनाकर कुलजीत सिंह संधू की सम्पत्ति की डिमार्केशन कर रिपोर्ट तैयार करें।

kirti