प्रधान सचिव,DGP, SP व थाना प्रभारी को हाईकोर्ट का नोटिस, जानिए क्या है मामला

Wednesday, Dec 06, 2017 - 12:04 AM (IST)

शिमला: बिलासपुर रीजनल अस्पताल की फिजियोथैरेपिस्ट डाक्टर ज्योति ठाकुर की रहस्यमयी मौत से जुड़े मामले की पुन: जांच करवाने के आग्रह को लेकर हाईकोर्ट के समक्ष आए मामले में कोर्ट ने प्रधान सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, पुलिस अधीक्षक बिलासपुर व थाना प्रभारी पुलिस स्टेशन बिलासपुर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। ये आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने ज्योति ठाकुर के पिता द्वारा हाईकोर्ट को लिखे गए पत्र पर संज्ञान लेने के पश्चात पारित किए। 

डाक्टर के पिता ने लिखा होईकोर्ट को पत्र
डाक्टर ज्योति ठाकुर के पिता रामचंद्र ठाकुर ने हाईकोर्ट के नाम लिखे पत्र में बताया कि उसकी बेटी ज्योति ठाकुर की 5 सितम्बर की रात को रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जिसकी जानकारी उसे 6 सितम्बर को मिली थी। जब वह उस मकान में पहुंचा जिस मकान में उसकी बेटी रहती थी तो कमरे का दरवाजा खुला था। जिस अवस्था में उसकी बेटी की लाश लटकी मिली उससे यह किसी भी नजरिए से नहीं लगता था कि यह आत्महत्या का मामला हो सकता है। प्रार्थी के अनुसार यह हत्या का मामला है और इसे आत्महत्या का मामला बताकर इसमें शामिल लोगों को बचाया जा रहा है। 

पुलिस ले चुकी थी कमरे की तलाशी
प्रार्थी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया है। प्रार्थी के अनुसार जब वह मौके पर पहुंचा तो पुलिस कमरे की तलाशी ले चुकी थी। कमरे में शराब की बोतल भी मौजूद थी। प्रार्थी के अनुसार पोस्टमार्टम भी उसी अस्पताल में करवाया गया जिस अस्पताल में वह तैनात थी। प्रार्थी को अंदेशा है कि यह सारा कारनामा हत्या से जुड़ा है जिसमें कुछ अस्पताल के या बाहरी लोग शामिल हो सकते हैं जो बड़े रसूखदार घराने के लोग हो सकते हैं। इसके चलते इस मामले को आत्महत्या का मामला करार देने की कोशिश की गई है। 

हमेशा खुश रहती थी मेरी बेटी
प्रार्थी के अनुसार उसकी बेटी हमेशा खुश रहती थी। जब से वह अपनी नौकरी में नियमित हुई थी तब से वह खुशनुमा माहौल में थी। प्रार्थी ने उच्च न्यायालय से गुहार लगाई है कि इस मामले की पुन: निष्पक्ष जांच करवाई जाए। जो भी इस मामले में दोषी हों उन्हें हिरासत में लिया जाए ताकि उसकी बेटी को इंसाफ  मिल सके। मामले पर सुनवाई 26 दिसम्बर को होगी।