हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, हर पेड़ पर लगेगा GPS टैग्स

Wednesday, Dec 13, 2017 - 01:12 PM (IST)

शिमला: हाईकोर्ट ने शिमला में पेड़ों के अवैध कटान पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। अब शिमला में हर पेड़ पर जीपीएस टैग लगेगा। जिसका खर्च जमीन मालिक उठाएगा। हालांकि पांच हजार पेड़ों पर जीपीएस टैग्स लगाने का काम भी शुरू हो गया है। यह जानकारी प्रधान मुख्य अरण्यपाल ने शपथपत्र के माध्यम से हाईकोर्ट को दी। इसके बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की बेंच ने वन विभाग को कड़े निर्देश जारी किए। 


पेड़ों पर टैग्स लगाने की कीमत वसूल करेगा जमीन मालिक
उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला के क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी पेड़ों की निगरानी करने के लिए उनपर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग्स लगाएं। पेड़ चाहे सरकारी भूमि पर हों, निजी भूमि पर या किसी भी प्रजाति के हों। निजी भूमि पर लगे पेड़ों पर टैग्स लगाने की कीमत भूमि मालिक से वसूल की जाए। क्योंकि पर्यावरण बचाने का संवैधानिक कर्तव्य सबका होता है। उन्होंने कहा कि जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पेड़ों की मार्किंग, शिमला में वनस्पति विकास का हवाई सर्वेक्षण आैर जीपीएस टैगिंग जैसे मुद्दों को तय किया गया। शिमला शहर के रामनगर में अवैध रूप से पेड़ कटान पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया था। 


19 दिसंबर को हो मामले पर सुनवाई
कोर्ट ने पेड़ों के कटान को रोकने संबंधी निर्देशों को सख्ती से लागू करने को भी कहा कहा कि शिमला शहर में अवैध पेड़ कटान को रोकने के लिए उपयुक्त स्टाफ की नियुक्ति की जाए। मामले पर सुनवाई 19 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने वन सचिव निगम आयुक्त की कार्यशैली पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि इन्होंने 4 नवंबर 2014 के कोर्ट के आदेशों पर आज तक अमल नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि अब संबंधित अधिकारी कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई से नहीं बच सकते। उन्होंने कहा कि इन टैग्स की मदद से ही पेड़ों का विकास होगा। शिमला शहर में फॉरेस्ट कवर पेड़ों की ग्रोथ जांचने हेतु पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर ड्रोन अथवा सेटेलाइट की मदद मैपिंग करने के आदेश भी दिए हैं। बारिश के मौसम में इन्हें काटने की इजाजत विभिन्न हथकंडे अपना कर हासिल कर लेते हैं।