हिमाचल में चिट्टे के कारोबार ने पसारे पांव, पहले स्थान पर आता है इस जिला का नाम

Friday, Jun 14, 2019 - 04:23 PM (IST)

ऊना (अमित): हिमाचल प्रदेश की युवा पीढ़ी नशे की दलदल में धंसती जा रही है। बदलते परिवेश के साथ-साथ नशे की किस्में भी बदली हैं। सबसे पहले चरस, अफीम और चूरा-पोस्त जैसे नशे देखने को मिलते थे, उसके बाद मैडीकल नशे सामने आए लेकिन अब युवा पीढ़ी सिंथैटिक ड्रग्स में से चिट्टे के चंगुल में फंस चुकी है। चिट्टे का सबसे अधिक असर हिमाचल के सीमावर्ती क्षेत्रों में देखने को मिलता है, जिसमें सबसे पहले नाम आता है जिला ऊना का। जिला ऊना का आधे से ज्यादा क्षेत्र पंजाब के साथ सटा हुआ है। ऊना में पिछले कुछ समय में ही करीब आधा दर्जन युवा नशे के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।

पुलिस ने डेढ़ साल में हैरोइन के पकड़े 55 मामले

ऊना जिला में नशे के मामलों में खासी बढ़ौतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक मादक द्रव्य अधिनियम के तहत 177 मामले दर्ज करके 233 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे धकेला गया। वहीं 2018 से लेकर अब तक यानि मात्र डेढ़ साल में पुलिस ने नशे के 141 मामले दर्ज करके 189 नशे के सौदागरों को पकडऩे में सफलता हासिल की है। अगर चिट्टे (हैरोइन) की बात की जाए तो ऊना में 2014 से 2017 तक 33 मामले सामने आए थे, वहीं 2018 से लेकर जून, 2019 तक चिट्टे के 55 मामले जिला ऊना के विभिन्न थानों में दर्ज हो चुके हैं। पुलिस के अधिकारी इस मामले पर बड़े-बड़े आंकड़े पेश कर लगातार कार्रवाई की बात कर रहे हैं लेकिन कहीं न कहीं नशे के गोरखधंधे में संलिप्त बड़ी मछलियां आज भी पुलिस के हाथों से कोसों दूर हैं।

चिट्टे के धंधे में संलिप्त नाइजीरियन युवक भी गिरफ्तार

ए.एस.पी. ऊना विनोद धीमान ने कहा कि पुलिस नशे के विरुद्ध विशेष अभियान चलाए हुए है, जिसके तहत पुलिस को सफलता भी मिल रही है। उन्होंने माना कि ऊना जिला में चिट्टे की सप्लाई मुख्य रूप से पंजाब से ही हो रही है क्योंकि ऊना जिला की अधिकतर सीमा पंजाब के साथ सटी हुई है। वहीं ऊना पुलिस द्वारा चिट्टे के धंधे में नाइजीरियन युवकों को भी पकड़ा गया है। ए.एस.पी. ने कहा कि ऊना पुलिस लगातार पंजाब पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर भी चिट्टे पर कार्रवाई कर रही है।

चिट्टे की ओवरडोज से हुई मौतों के सिर्फ 2 मामले दर्ज

बेशक ऊना जिला में पिछले कुछ अरसे में ही चिट्टे की ओवरडोज से कई मौतें हो चुकी हो लेकिन पुलिस के पास 2 मामले ही दर्ज हो पाए हंै। ए.एस.पी. की मानें तो चिट्टे की ओवरडोज से मौतों के मामलों में पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए गैर-इरादतन हत्या की धारा 304 के तहत मामले दर्ज करके आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। उनके अनुसार नशा कारोबारियों को पकडऩे के लिए पुलिस द्वारा थाना और चौकी स्तर पर गठित की गई नशा निवारण समितियों के साथ-साथ आम लोगों का भी सहयोग मिल रहा है। नशे के मामलों में पुलिस गंभीरता से काम कर रही है और स्थानीय लोगों द्वारा मिल रही जानकारी के आधार पर नशा कारोबारियों पर कार्रवाई की जा रही है।

Vijay