यहां BPL की सूची में अमीरों का नाम, गरीबों को राम-राम

Friday, Nov 10, 2017 - 08:41 PM (IST)

चम्बा: गरीबों की भलाई के लिए अनेकों सरकारी योजनाएं चलाई गई हैं और उन योजनाओं का लाभ लेने के लिए गरीब होना सबसे बड़ी पात्रता है। इन्हीं योजनाओं में बी.पी.एल.की योजना भी शामिल है। बी.पी.एल.के दायरे में आने वाले परिवार को सरकार द्वारा सस्ते राशन से लेकर गृह मुरम्मत व गृह निर्माण के लिए आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाती है। इन सब योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई ऐसे परिवार भी बी.पी.एल. की सूची में शामिल हैं जोकि आर्थिक रूप से सबल हैं। ऐसा सिर्फ इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि पंचायत प्रतिनिधियों के साथ वहां तैनात कर्मचारियों को इस कार्य को अंजाम देने के लिए अपने साथ मिला लिया गया। नि:सन्देह इसी वजह से सही मायने में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के हितों पर यह डाका डालने के समान है।

दोमंजिला पक्के मकान की दीवार पर बी.पी.एल. का बोर्ड
ऐसा प्रमाण विकास खंड तीसा की चिल्ली में देखने को मिल रहा है। यहां एक आलीशान दोमंजिला पक्का मकान बेहद सुंदर ढंग से बनाया गया है। निश्चित तौर पर यह कहा जा सकता है कि इस भवन निर्माण कार्य को अंजाम देने के लिए लाखों रुपए खर्च हुए होंगे लेकिन जैसे ही इस मकान की दीवार पर पीले रंग से लिखे गए एक बोर्ड पर नजर पड़ती है तो सरकारी मिलीभगत की पोल खुलकर सामने आ जाती है। इस मकान की दीवार पर इस परिवार के बी.पी.एल. होने का प्रमाण बतौर सूचना बोर्ड के माध्यम से देखा जा सकता है। इस परिवार की मुखिया महिला बताई जा रही है और यह परिवार वर्ष 2002-03 में बी.पी.एल. की सूची में शामिल हुआ था यह बात भी साफ शब्दों में लिखी हुई है। 

...तो फिर कैसे आएगा गरीबों का नम्बर
इसमें कोई दोराय नहीं है कि जब यह परिवार इस सूची में शामिल हुआ होगा उस समय उसकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर रही होगी लेकिन वर्तमान में ऐसा कुछ भी नजर नहीं आता है कि जिससे इस परिवार के बी.पी.एल. सूची में बने रहने की बात सही नजर आती हो। लोगों का कहना है कि चिंता की बात है कि इस पंचायत में कई ऐसे परिवार मौजूद हैं जोकि सही मायने में गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं लेकिन अफसोस की बात है कि जब इस सूची में आर्थिक रूप से संपन्न लोगों के नाम शामिल होंगे तो फिर गरीबों का नम्बर कैसे आएगा। 

अपात्र लोग हों सूची से बाहर
लोगों ने जिला प्रशासन के साथ विकास खंड अधिकारी व एस.डी.एम. चुराह से मांग की है कि वे इस मामले पर शीघ्र प्रभावी कदम उठाते हुए पंचायत की बी.पी.एल. सूची की जांच करवाए ताकि जो अपात्र लोग इस सूची में शामिल होकर पात्रों के हितों व अधिकारों पर अपनी पहुंच के चलते डाका डाल रहे हैं उन्हें बाहर निकाल कर उनके स्थान पर पात्रों को शामिल किया जा सके। 

ग्राम सभा के पास है शक्ति : विकास खंड अधिकारी 
वहीं विकास खंड अधिकारी तीसा अनूप शर्मा ने बताया कि बी.पी.एल. की सूची में किसे शामिल करना या फिर सूची से बाहर निकालने की पूरी शक्ति ग्राम सभा के पास है, ऐसे में अगर कोई अपात्र व्यक्ति इस सूची में शामिल है तो इस मामले में खंड विकास कार्यालय के पास किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने की कोई शक्ति नहीं है। 

मामले की जांच के दिए जाएंगे आदेश :  एस.डी.एम.
एस.डी.एम. चुराह हेम चंद वर्मा ने बताया कि मैं इन दिनों में चुनावी ड्यूटी के चलते उपमंडल के बाहर हूं। उपमंडल में पहुंचकर इस मामले की जांच करने के आदेश जारी किए जाएंगे। जांच रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा। वहीं डी.सी. चम्बा सुदेश मोख्टा ने कहा कि एस.डी.एम. चुराह को इस मामले की शीघ्र जांच करके प्रभावी कदम उठाने के निर्देश जारी किए जाएंगे।