यहां बिजनैस चमकाने को खिड़की पर टांग दिया याक का सिर

Wednesday, Sep 06, 2017 - 02:06 AM (IST)

उदयपुर: शीत मरुस्थल स्पीति में प्रकृति की संरचनाएं जितनी विचित्र हैं, उतनी ही अद्भुत हिमालयन परंपराएं भी हैं। इन परंपराओं में अब नई परंपराएं जुडऩे लगी हैं। घर को बुरी नजर से बचाने के लिए तरह-तरह के मुखौटे लगाने का प्रचलन हर तरफ  देखा गया है लेकिन जानवरों के सिर काट कर उन्हें घर के बाहर लटकाने का मामला पहली बार सामने आया है। स्पीति में ऐतिहासिक बौद्ध मठ ताबो के प्रवेश द्वार के नजदीक याक का सिर काट कर घर के बाहर लटका दिया गया है। इतना ही नहीं, याक के सिर के अलावा घर की खिड़की पर 2 बनावटी मुखौटे और लटकाए गए हैं। इस घर के भूमि तल पर रेस्तरां चला रहे व्यक्ति से जब इस संदर्भ में बात की गई तो उसने बताया कि यह सजावट का मामला है। पर्यटकों को आकर्षित करने केलिए याक का कटा सिर घर के बाहर लटकाया गया है। 

जानवरों के सींग देवताओं को चढ़ाने की रही है परंपरा
बता दें कि स्पीति में याक सहित कई जानवरों के सींग देवताओं को चढ़ाने की परंपरा रही है। पोह गांव के अतिरिक्त अन्य कई गांवों के देवालयों में ऐसे जानवरों के सींगों के अंबार हैं। यह अलग बात है कि ङ्क्षहदू देवालयों या फिर शक्तिपीठों में भी आईबैक्स के सींग रखने की मान्यता रही है। मनाली में हिडिम्बा मंदिर इसका प्रमाण भी है लेकिन गाय की श्रेणी में आने वाले याक का सिर व सींग अन्य किसी घर में नहीं देखे गए हैं। देवताओं को जानवरों के सींग चढ़ाने की परंपरा रही है लेकिन अब याक के सिर घर के बाहर लटकाने की नई परंपरा चल निकली है। 

पर्यटकों में कौतूहल पैदा कर रहा याक का सिर
ताबो धार्मिक पर्यटन स्थल है और इन दिनों देश-विदेश के पर्यटकों की भीड़ ताबो में जुट रही है। पर्यटक 996 ई. में बने बौद्ध मठ के गर्भगृह में प्राचीन भित्ति चित्रों के अवलोकन के लिए ताबो पहुंच रहे हैं। ताबो पहुंचते ही याक का कटा सिर भी उनके स्वागत के लिए तैयार रखा गया है। बौद्ध मठ के प्रवेश द्वार के पास ही एक घर के बाहर लटकाया गया याक का यह सिर पर्यटकों में कौतूहल पैदा कर रहा है। सैल्फी के शौकीनों को तो यह नई चीज मिल गई है। वहीं डी.एस.पी. स्पीति मुकेश बख्शी का कहना है कि घरों के बाहर जानवरों के सिर काट कर लगाना पशु क्रूरता का मामला है। इस पर कार्रवाई की जा रही है।