यहां कभी भी हादसे का कारण बन सकती है ओवरलोडिंग, पुलिस ने हाथ किए खड़े

Saturday, Oct 28, 2017 - 09:40 AM (IST)

शिमला : निजी बसों की रफ्तार रोकने व ओवरलोडिंग को कम करने में प्रशासन और पुलिस के हाथ पूरी तरह से खड़े हो गए हैं। वाहन चालक सरेआम यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा लोगों की जिंदगियों से खेल रहे हैं। ऐसा कोई भी दिन खाली नहीं जा रहा है जब सड़क हादसे के कारण लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ रहा है। ओवरलोडिंग के कारण आए दिन यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इस संबंध में बकायदा लगातार शिकायतें मिल रही हैं। सड़क हादसों को लेकर पुलिस में दर्ज होने वाले मामलों पर नजर दौड़ाई जाए तो अधिकतर मामलों में लापरवाही से गाड़ी चलाने और ओवरलोडिंग के कारण हादसे पेश आ रहे हैं। 

मजबूरन भरी बसों में सफर करने को मजबूर लोग 
विशेष रूप से राजधानी में दौडऩे वाली बसों के चालक तब तक बसों को चलाते ही नहीं हैं जब तक कि सवारियों को बोरियों की तरह ठूस-ठूस के लाद नहीं दिया जाता। इसके बाद फिर समय को पूरा करने के लिए तेज रफ्तार से बसों को दौड़ा रहे हैं। यही नहीं काफी देर तक बसों को सवारियों से भरने के चक्कर में न चलाने के कारण लोगों को मजबूरन भरी हुई बसों में सफर करना पड़ रहा है। पुलिस द्वारा वाहनों की गति जांचने के लिए डाप्लर रडार का प्रयोग केवल कुछ दिनों के लिए ही किया जाता है। पुलिस महीने में एक आधी बार इसका प्रयोग कर रही है जबकि लाखों रुपए खर्च कर खरीदे गए डाप्लर को नियमित तौर पर प्रयोग करने की आवश्यकता है, जिससे लोगों की जान को जोखिम में डालने वालों पर नुकेल कसी जा सके।