यहां ऐसे मनेगा गुरू गोविंदसिंह का विवाह उत्सव
punjabkesari.in Monday, Feb 15, 2021 - 10:46 AM (IST)

बिलासपुर (मुकेश गौतम) : सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह का विवाह उत्सव हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर की पहाड़ियों में स्थित गुरुद्वारा गुरु का लाहौर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसके लिए तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। 16 फरवरी बसंत पंचमी के दिन यहां मेला लगेगा, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्थाएं की है।
गुरुद्वारा गुरु का लाहौर को फूलों एवं लड़ियों से सजाया गया है और भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम जारी है। बसंत पंचमी के दिन गुरु महाराज का विवाह उत्सव मनाया जाता है। जिला बिलासपुर में स्थित गुरुद्वारा सेहरा साहिब से नगर कीर्तन के रूप में गुरु महाराज की बारात निकलती है। गुरुद्वारा सेहरा साहिब वे स्थान है जहां पर गुरु महाराज की सेहरा बंदी हुई थी और गुरु का लाहौर में पहुंचकर बारातियों का विभिन्न प्रकार की मिठाइयों स्वादिष्ट व्यंजनों से स्वागत किया जाता है। गुरु का लाहौर ही वह गुरुद्वारा है जहां पर गुरु महाराज के लावा फेरे होते हैं, आज भी यह उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
कहते हैं कि जब पाकिस्तान के लाहौर में हालात खराब होने के कारण जब गुरु गोविंद सिंह जी विवाह के लिए वहां नहीं जा पाए तो माता जीत कौर के मायके वालों को उन्होंने गुरु के लाहौर में बुला लिया। हालांकि इस गांव का नाम पहले खड़ा नाला था, लेकिन गुरु महाराज ने इसे लाहौर का नाम दे दिया और तब से लेकर आज तक इसे गुरु के लाहौर के नाम से जाना जाता है और हर वर्ष बसंत पंचमी के दिन गुरु महाराज का विवाह उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस क्षेत्र में पानी की बहुत समस्या थी, जिस कारण गुरु महाराज ने अपने कृपान से तीन बार करके पानी की तीन धाराएं निकाली। यह गंगा, जमुना, सरस्वती त्रिवेणी के नाम से विख्यात हुई। चाहे गर्मियों का मौसम हो, सर्दी का मौसम हो, इसमें कभी भी पानी कम नहीं होता। श्रद्धालु यहां का जल अमृत समझ कर पीते हैं और स्नान भी करते हैं।