यहां ग्रामीण प्रोजैक्ट के उद्घाटन का काले झंडों से करेंगे विरोध, जानिए क्यों

Sunday, Sep 10, 2017 - 11:40 PM (IST)

कुल्लू: 100 मैगावाट की सैंज जल विद्युत परियोजना के उद्घाटन का मामला उलझ गया है। स्थानीय लोगों ने उद्घाटन के दौरान परियोजना प्रबंधन के खिलाफ काले झंडे से विरोध करने का निर्णय लिया है। हालांकि स्थानीय लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि इस दौरान काले झंडे सिर्फ  सैंज परियोजना प्रबंधन को दिखाए जाएंगे और मुख्यमंत्री का स्वागत किया जाएगा। यह मामला तब बिगड़ा जब परियोजना प्रबंधन ने स्थानीय लोगों के 6 करोड़ रुपए देने में आनाकानी की। हालांकि रविवार को परियोजना प्रबंधन के साथ स्थानीय लोगों ने बैठक की लेकिन यह बैठक पूरी तरह से असफल रही है और लोगों ने निर्णय लिया कि वे परियोजना के उद्घाटन का विरोध करेंगे। इस बैठक में स्टाक होल्डरों के अलावा शैंशर पंचायत के प्रधान नरेश ठाकुर, पूर्व प्रधान बुध राम, डोला सिंह, प्रभावित एवं विस्थापित संघ के प्रधान राम लाल, राजकुमार, स्थानीय पंचायत की प्रधान निर्मला व पूर्व प्रधान रामकृष्ण भी शामिल रहे लेकिन बैठक बेनतीजा रही। 

जब तक पेमैंट नहीं तब तक उद्घाटन नहीं 
स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी पैंडिंग पेमैंट 6 करोड़ रुपए नहीं मिलती है तब तक वे उद्घाटन नहीं होने देंगे। गौरतलब है कि परियोजना प्रबंधन ने स्थानीय निर्माणकत्र्ताओं के 6 करोड़ रुपए की धनराशि नहीं दी है जिससे मामला पूरी तरह से बिगड़ गया है और अब इस धनराशि देने में आनाकानी की जा रही है। यही नहीं 6 करोड़ रुपए की पेमैंट किए बिना ही आनन-फानन में मुख्यमंत्री के हाथों परियोजना को देश के लिए समॢपत किए जाने की योजना परियोजना प्रबंधन ने बनाई थी।

एच.पी.पी.सी.एल. कर रही परियोजना का निर्माण 
100 मैगावाट की इस परियोजना का निर्माण एच.पी.पी.सी.एल. कर रही है और प्रिंसीपल इंपलोयर होने के नाते एच.पी.पी.सी.एल. ने अपने अधीन हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी को निर्माण का काम दिया था। उक्त कंपनी ने स्थानीय लोगों को आगे काम अवार्ड किया था। यह काम 6 माह पूर्व पूरा हो चुका है लेकिन अभी तक उक्त कंपनी ने स्थानीय लोगों को काम करने की एवज में धनराशि नहीं दी है। हैरानी इस बात है कि एच.पी.पी.सी.एल. के अधिकारी भी लापरवाह बयानबाजी कर रहे हैं।

बैंकों का ऋण लौटाने को भी नहीं हैं पैसे
वहीं स्थानीय निर्माणकर्ताओं प्रेम सिंह, संतोष शर्मा, चमन शर्मा, राजकुमार, रामकृष्ण, बी.एम. कंस्ट्रक्शन, बुध राम, मनीष व अशोक कुमार आदि का कहना है कि कम्पनी की आनाकानी से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। अधिकतर ठेकेदारों ने बैंक से ऋण निकालकर परियोजना का काम किया है और अब बैंक की धनराशि लौटाने को भी उनके पास पैसा नहीं है। यही नहीं कामगारों की मजदूरी भी पैंडिंग पड़ी हुई है।