यहां खुल रही सरकारी स्कूलों की पोल, शिक्षकों को सताने लगा नौकरी का डर

Sunday, Feb 26, 2017 - 03:27 PM (IST)

चंबा: चंबा जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के बौद्धिक स्तर के रूप में उन अध्यापकों की पोल खुल रही है जोकि अपने कार्य को सही ढंग से अंजाम नहीं दे रहे हैं। जिला चंबा का इंस्पैक्शन कैडर सरकार द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी को पिछले कुछ दिनों से अंजाम देने में जुटा हुआ है। बताया जाता है कि अब तक यह टीम जिला के करीब दो दर्जन से अधिक सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दौरा कर वहां की शिक्षा व्यवस्था की जांच रिपोर्ट तैयार कर चुकी है। इस कैडर की टीम सरकार द्वारा निर्धारित 40 बिंदुओं पर काम कर रही है। 


बच्चों को नहीं आता दो का पहाड़ा
जानकारी के अनुसार इस जिला स्तरीय टीम की अगुवाई शिक्षा उपनिदेशक जलालदीन खान कर रहे हैं, साथ ही इसमें 2 प्रधानाचार्य व एक शिक्षा खंड अधिकारी शामिल है। सूत्रों से प्राप्त पुख्ता जानकारी के अनुसार अब तक इस टीम ने जिन स्कूलों का औचक निरीक्षण किया है उनमें से कुछ स्कूलों के बच्चों को बौद्धिक स्तर पर संतोषजनक नहीं पाया गया है। सबसे अधिक छात्र हिसाब विषय में कमजोर पाए गए हैं। बताया जाता है कि कुछ बच्चों को दो का पहाड़ा तक नहीं आता है। इसके बाद अंग्रेजी विषय में सबसे अधिक बच्चे कमजोर पाए गए हैं। कुछ स्कूलों में कमरों की कमी के साथ अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी भी पाई गई है। 


5 स्कूलों का किया औचक निरीक्षण
शनिवार को इस जिला स्तरीय इंस्पैक्शन कैडर की टीम ने जिला के 5 स्कूलों का औचक निरीक्षण किया, जिसमें माध्यमिक स्कूल गैला, प्राथमिक स्कूल गैला, प्राथमिक स्कूल रोड़ी, केंद्रीय प्राथमिक स्कूल सरौल व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सरौल शामिल रहा। यह टीम अगले माह की 3 तारीख को अपने औचक निरीक्षणों की रिपोर्ट शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक शिमला को सौंपेगी। उक्त अधिकारी के माध्यम से जिला के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था के बारे में सरकार को जानकारी दी जाएगी।