यहां डेढ़ माह से नहीं हुए रेल के दीदार, विभाग बना रहा बरसात का बहाना

Sunday, Sep 03, 2017 - 11:16 AM (IST)

जोगिंद्रनगर: पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे ट्रैक पर रेल यातायात पिछले डेढ़ माह से बाधित है लेकिन रेलवे अधिकारी अभी भी इसे बहाल करने का कोई समय बताने में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं। हर वर्ष बरसात की आड़ में रेल को महीनों बंद कर देना रेलवे की आदत बन गई है। कांगड़ा व मंडी के सांसद का दबाव भी रंग नहीं लाता और नतीजा यह होता है कि गरीब जनता रेलवे विभाग की सुस्ती के कारण सस्ती रेल सेवा के लाभ से वंचित हो जाती है। पठानकोट-पपरोला 6 पर 7 में से मात्र 2 गाड़ियां ही चलाई जा रही हैं तथा ये भी कांगड़ा स्टेशन तक ही चल रही हैं। कांगड़ा से गुलेर ट्रैक लंबे समय से ल्हासों के कारण बंद पड़ा हुआ है। गुलेर-पठानकोट के मध्य भी सेवाएं पूरी तरह बाधित हो कर रह गई हैं। रेलवे बरसात से इतना खौफ खा रहा है कि रात की सेवाएं तो पूरी तरह बंद कर दी गई हैं।


समय से पहले चल रही रेल
पपरोला से रेलवे द्वारा केवल 2 गाड़ियां ही कांगड़ा तक चलाई जा रही हैं। पहले एक सेवा सुबह 7.20 पर चलती थी, जिसे अब सुबह 7 बजे चलाया जा रहा है। अकारण बदल दिए गए टाइम की जानकारी न होने के कारण यह सेवा भी लोगों के काम नहीं आ रही है। 


जोगिंद्रनगर ट्रैक पूरी तरह ठप्प
जोगिंद्रनगर-रेल सैक्शन में तो पिछले 42 दिन से गाड़ी के दर्शन तक नहीं हो पाए हैं। जोगिंद्रनगर ट्रैक पर ऐहजू-बैजनाथ के मध्य एक स्थान पर करीब एक माह पहले स्लाइडिंग हुई थी, जिसके बाद इस ट्रैक को बंद कर दिया गया। डेढ़ माह बाद भी विभाग ट्रैक पर यातायात शुरू नहीं कर रहा है और न ही शुरू करने की डेट बता रहा है। 


6 गुना अधिक किराया देने को मजबूरजनता
रेल सेवा बस सेवा से 6 गुना तक सस्ती है। करीब 160 किलोमीटर पठानकोट तक मात्र 35 रुपए किराया लगता है, ऐसे में यह रेल गरीब लोगों के लिए वरदान साबित होती है लेकिन रेलवे अधिकारियों की लापरवाही इस हद तक बढ़ गई है कि छोटी सी बाधा के आगे माथा टेक अधिकारी कभी भी इस रेल को अनिश्चित काल के लिए बंद कर देते हैं। कभी बरसात तो कभी खराब इंजन का कारण बताकर रेल को रोक दिया जाता है। पिछले वर्ष भी पपरोला-जोगिंद्रनगर ट्रैक पर करीब 5 माह तक रेल यातायात बंद रहा था।