यहां की दीवारों पर चिपकी हैं चीन के अत्याचार की तस्वीरें

Monday, Sep 04, 2017 - 03:18 PM (IST)

मैक्लोडगंज: हिमाचल के इस जिला की दीवारों पर चिपके पोस्टरों को देखकर चीन की कारगुजारी और दमनकारी नीतियों का पता चलेगा। जिन लोगों ने पोस्टर लगाने का यह काम किया है, उनका अभी तक तो पता नहीं चल पाया है और निर्वासित सरकार के लिए भी यह जानना रहस्य ही बना हुआ है। हम बात कर रहे हैं हिमाचल के मैक्लोडगंज की। यहां हर दूसरी दीवार चीन की ओर से बंदी बनाए और गुमशुदा हुए लोगों की फोटो से भरी हुई है। 


2012 से 2017 तक इन दीवारों पर चिपकी हैं लोगों की फोटो
हैरानी इस बात की है कि 2012 से 2017 तक इन दीवारों पर गुमशुदा और चीन की ओर से बंदी बनाए गए लोगों के फोटो, नाम और साल लिखे हैं। ये पोस्टर किसने और कब लगाए, इस बात का कुछ पता नहीं है। हालांकि निर्वासित तिब्बती सरकार इस बारे में कुछ नहीं जानती है, लेकिन तिब्बती समुदाय के लोग इससे खुश हैं। वहीं मैक्लोडगंज में मुख्य बौद्ध मंदिर के बाहर दीवार में लगाए गए इन पोस्टरों के संबंध में तिब्बती मूल के लोगों का कहना है कि यह काम जिसने भी किया है वह बहुत अच्छा है। मैक्लोडगंज अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल है और यहां हजारों देसी-विदेशी पर्यटक आते हैं। 


लापता और बंदी बनाए लोग
कुछ महीने पहले निर्वासित तिब्बती संसद की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, चीन ने 5 हजार तिब्बती समुदाय के लोगों को बंदी बनाया है और डेढ़ हजार को गायब कर दिया है। अभी इन लोगों का पता नहीं हे कि वह जिंदा भी हैं या नहीं। तिब्बत की आजादी के लिए अब तक 150 तिब्बती आत्मदाह कर चुके हैं।