यहां फोरलेन विस्थापितों को RTI से नहीं मिल रही सूचनाएं, जानिए क्यों

Thursday, Jun 15, 2017 - 01:32 AM (IST)

बिलासपुर: लंबे समय से फोरलेन विस्थापितों के हकों की लड़ाई लड़ती आ रही फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के महासचिव पूर्व सैनिक मदन लाल ने कहा कि कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन सड़क निर्माण कार्य में संबंधित कंपनी ने प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से गलत तरीके से व नियमों को ताक पर रखते हुए लोगों की जमीन अधिगृहीत कर ली है। जमीन देने वाले किसानों को न तो उचित मुआवजा मिला है और न ही सड़क निर्माण से पैदा हुई उनकी समस्याओं का कोई निवारण प्रशासन या संबंधित कंपनी द्वारा किया गया है। हद तो यह हो गई है कि अब प्रशासनिक अधिकारी फोरलेन निर्माण में लोगों की अधिगृहीत की गई भूमि के बारे में सूचना ही उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं। इस मामले में आर.टी.आई. द्वारा मांगी गई सूचनाओं पर भी नकारात्मक रवैया अपनाते हुए अधिकारियों ने ऐसी सूचनाओं को नियमों से परे करार देते हुए जानकारी देने से ही इंकार कर दिया है क्योंकि यदि ये सूचनाएं सामने आती हैं तो फोरलेन निर्माण में सरकारी व कंपनी स्तर पर हुई अनियमितताएं सबके समक्ष उजागर हो जाएंगी। 

विस्थापितों के हकों के लिए अंतिम सांस तक लड़ेगी समिति 
उन्होंने बताया कि समिति ने 184 पृष्ठों का ज्ञापन सौंपा था जिसके बाद डी.सी. कार्यालय ने अपनी पत्र संख्या बी.एल.एस.-एस.के.-12(420)/2016-8844 दिनांक 23 फरवरी, 2017 में एन.एच.ए.आई. की भू-अधिग्रहण इकाई के तहसीलदार को लिखित रूप से कहा कि ज्ञापन में दर्ज बहुत-सी समस्याओं का निपटारा शेष है तथा सुपर इंपोज नक्शे कौन उपलब्ध करवाएगा। इस पत्र में डी.सी. ने तहसीलदार को निर्देश दिए कि इंतकालों का पुनरावलोकन किया जाए तथा इस पर की गई कार्रवाई के बारे में एक माह के भीतर डी.सी. कार्यालय को भी अवगत करवाया जाए। उन्होंने कहा कि कितनी ही बाधाएं आएं समिति हार नहीं मानेगी व फोरलेन विस्थापितों के हकों की लड़ाई अंतिम दम तक लड़ेगी। 

समिति खटखटाएगी हाईकोर्ट का दरवाजा 
उन्होंने कहा कि अपने से पहले के अधिकारियों की खाल बचाने के लिए वर्तमान अधिकारी जमीन के इंतकाल, ततीमा व फील्ड बुक में की गई दुरुस्ती, इंतकालों के किए गए अवलोकन की जानकारी व इंतकालों के अवलोकन संबंधी संबंधित उपमंडल अधिकारियों से ली गई अनुमति के संबंध में भी सूचना उपलब्ध करवाने से लिखित रूप से इंकार कर रहे हैं। हालांकि समिति चुप नहीं बैठेगी। समिति ने निर्णय लिया है कि पहले तो वह राज्य सूचना आयुक्त के पास इन सूचनाओं को उपलब्ध करवाने की गुहार लगाएगी। यदि यहां भी सूचनाओं को देने से इंकार किया गया तो समिति इस मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी तथा हर फोरलेन विस्थापित ग्रामीण को न्याय दिलवाकर रहेगी।