यहां गायब हो गई सड़क, नजारा देखकर सब रह गए हैरान

Tuesday, Apr 18, 2017 - 08:57 AM (IST)

उदयपुर: सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हिंदोस्तान-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए बंद हो गया है। मलिंग में कई दिनों से बंद सड़क मार्ग ने चीन अधिकृत तिब्बत की सीमा पर देश की सेना के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित कर दी है। उधर, प्रशासनिक अधिकारियों सहित अनेक निजी व सेना की गाड़ियों के कई स्थानों पर फंसे होने की सूचना है। रिकांगपियो से काजा जाने वाली एच.आर.टी.सी. की बसें भी कई दिनों से काजा नहीं पहुंची हैं। ऊपरी किन्नौर के चांगो, शलखर सुमरा व समदो से लेकर चीन अधिकृत तिब्बत की सीमा तक समूची स्पीति घाटी का सड़क संपर्क शेष भारत से कट गया है। बर्फबारी के दौरान आमतौर पर साल भर खुले रहने वाले हिंदोस्तान-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग के मलिंग नामक स्थान पर दरकती पहाड़ियों से हुए भू-स्खलन ने यहां करीब 25 मीटर सड़क मार्ग धंस कर गहरी खाई के बराबर हो गया है। रोड का नामोनिशान नहीं है, जिससे सामरिक महत्व के इस सड़क मार्ग पर गाड़ियों के पहिए कई दिनों से थमे हुए हैं। 


मलिंग कई वर्षों से नासूर बना हुआ
स्पीति के लोगों की मानें तो इन हालत में सीमा पर अगर किसी तरह की आपात स्थिति पैदा हो जाए तो उनका सामना कैसे हो पाएगा, यह सवाल यहां हर किसी के जहन में उठता रहा है क्योंकि सीमा तक मदद रसद आने का दूसरा कोई उपाय भी यहां मौजूद नहीं है। एकमात्र सड़क मार्ग के लिए मलिंग कई वर्षों से नासूर बना हुआ है। लोगों का कहना है कि करीब 30 साल पहले इसके लिए कुछ जमीन समतल करने की प्रक्रिया भी आरंभ की गई थी, उसके बाद वह हवाई पट्टी अब तक हवा में कहां गुम हो गई है, यह बात स्पीति के सीमावर्ती क्षेत्रों में आज भी एक पहेली बनी हुई है। उन्हें मलाल है कि देश के लिए महत्वपूर्ण एक हवाई पट्टी का निर्माण 30 सालों में नहीं हो सका है। सीमा तक एकमात्र हिंदोस्तान-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग है, वह भी मलिंग में लंबे अर्से से तहस-नहस हो रहा है।


पर्यटक भी निराश होकर लौट रहे
इन दिनों स्पीति का रुख कर रहे देश-विदेश के पर्यटक भी मलिंग से निराश होकर लौट रहे हैं। रिकांगपिओ से काजा जाने वाली हिमाचल पथ परिवहन की बसें यहां से ही वापस रिकांगपिओ जा रही हैं जबकि काजा से इसकी ओर जाने वाली बसें भी मलिंग से काजा लौट रही हैं। यहां बसों की अदला-बदली करने की कसरत ने यात्रियों के पसीने छुड़ा दिए हैं। दरकती पहाड़ियों के मंजर में लोग मलिंग क्षेत्र को पैदल आर-पार करने का जोखिम उठा रहे हैं।