यहां आबकारी विभाग को बंद करने पड़े शराब के 2 ठेके, जानिए क्यों

Thursday, May 04, 2017 - 12:21 AM (IST)

चम्बा: आबकारी एवं कराधान विभाग जिला चम्बा में अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में फिसड्डी रह कर पहले ही सरकार व विभाग की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया तो अब उसे एक बार फिर से फजीहत का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसकी वजह यह है कि आबकारी एवं कराधान विभाग ने मंगलवार को जिला चम्बा में एल-14 के 2 शराब के ठेके खोले। विभाग को यह उम्मीद थी कि इन ठेके के माध्यम से सरकार व विभाग को पिछले एक माह के दौरान जो भारी आर्थिक नुक्सान पहुंचा है उसे कुछ हद तक कवर किया जाए लेकिन इन शराब के ठेकों के खोलने के 24 घंटों के बाद ही ये ठेके बंद कर दिए गए।

जिस तेजी खुले उससे भी अधिक तेजी से हुए बंद 
लोगों का कहना था कि विभाग ने जिस तेजी के साथ इन शराब के ठेकों को खोला था उससे भी अधिक तेजी से इन्हें बंद करवा दिया। बताया जा रहा है कि इसका कारण यह है कि पिछले दिनों सरकार ने प्रदेश के उन जिलों में अपने निगम के माध्यम से शराब बिक्री करने का निर्णय लिया था जिन जिलों में विभाग अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाब नहीं हो पाया था, ऐसे में विभाग ने निगम के माध्यम से शराब बिक्री का निर्णय लिया तो साथ ही उन शराब के ठेकों पर सेलमैन के तौर पर लोगों की नियुक्ति का कार्य भी ठेके पर दे दिया।

सबलैट ठेकेदार ने खोले थे दोनों ठेके
जिस व्यक्ति ने इस ठेके को प्राप्त करने में सफलता हासिल की थी उसने इस कार्य को आगे किसी अन्य ठेकेदार को सबलैट कर दिया। उक्त सबलैट ठेकेदार ने प्रदेश से बाहरी राज्यों के कुछ लोगों को इन ठेकों पर सेलमैन के तौर पर तैनाती दी। पुख्ता जानकारी के अनुसार यह कार्य लेबर सप्लाई के लिए बुलाई गई निविदा में शामिल नियम व शर्तों का खुलमखुल्ला उल्लंघन था। इसी कार्यशैली के जिला चम्बा में धरियाली व चुवाड़ी में मंगलवार को खोले गए एल-14 शराब के ठेकों में भी उक्त सबलैट ठेकेदार ने अंजाम दिया और उक्त शराब के ठेकों पर शराब की बिक्री शुरू हो गई। 

खुद को मुसीबत से बचाने के लिए बंद किए ठेके
जैसे ही इस बारे में विभाग के एक उच्चाधिकारी तक यह बात पहुंची तो उन्होंने तुरंत उक्त ठेकों से ऐसे सेलमैनों को हटाने के निर्देश जारी किए। इसी बात को देखते हुए खुद को मुसीबत से बचाने के लिए विभाग के अधिकारियों ने इन दोनों ठेकों को बुधवार को बंद करवा दिया। इस बारे में ए.ई.टी.सी. चम्बा नविंद्र से बात करने के लिए संपर्क किया तो उन्होंने इस मामले से खुद को दूर करने के लिए फोन न उठाने में ही बेहतरी समझी, ऐसे में विभाग की गंभीरता के साथ उसकी सक्रियता के दावों की भी पोल खुल गई।