यहां गालियां देकर भगाईं बुरी शक्तियां, देर रात से चला दौर

Friday, Jan 20, 2017 - 08:53 PM (IST)

कुल्लू: जिला कुल्लू के पीज गांव में देव आस्था के साथ इन दिनों गालियों को देकर बुरी शक्तियों को भगाया जा रहा है। वीरवार रात से लोगों द्वारा छोटे-छोटे समूहों में एकत्रित होकर इस परम्परा का निर्वहन किया गया। रात के अंधेरे में लकड़ी की मशालों के साथ लोगों के समूह द्वारा जुलूस निकाल कर दूसरे गांव में परिक्रमा करने के बाद सभी एक विशेष स्थान पर पहुंचते हैं तथा देवता जम्दग्नि ऋषि के प्रांगण में सभी मशालों को एकत्रित करके जलाया जाता है और सभी लोग आग के चारों ओर ढोल-नगाड़ों के साथ अश्लील गलियां देते हैं, जिससे बुरी शक्तियों का नाश किया जाता है। 

ढोल-नगाड़ों की थाप पर परम्परा का निर्वहन
देवता के कारदार देवी सिंह व चेत राम का कहना है कि पीज सदयाला में देवी-देवताओं देवता जमलू, देवता नागाधार व देवता शीला के हारियानों द्वारा ढोल-नगाड़ों की थाप पर इस परम्परा का निर्वहन किया गया। वीरवार देर रात को उत्सव में लोगों ने भारी संख्या में उपस्थिति दर्ज करवा कर देवी-देवताओं का आशीर्वाद लिया। 

विरोध करने पर देवता स्वयं करते हैं दंडित  
पीज गांव के साथ लगते अन्य 4 गांवों धारा, वैंग, पीज और रायल गांव के ग्रामीणों ने रात के 12 बजे के बाद आग की मशालें लेकर एक गांव से दूसरे गांव तक गालियां देते हुए पूरे गांव की परिक्रमा की तथा एक-दूसरे को गालियां दीं। अगर कोई व्यक्ति इन गालियों का बुरा मानता है तो उसे देवता स्वयं दंड देता है। 

देवता जमलू के मन्दिर में हुआ जागरे का दहन
सभी लोगों व देवता के हारियान द्वारा देवता के प्रांगण में 6 चक्कर लगा कर 7वां चक्कर पीज गांव का लगाया गया। इस दौरान जब ग्रामीण रायल गांव पहुंचे तो वहां से गालियां देते हुए देवता जमलू के मन्दिर जाकर जागरे का दहन किया गया। रात 12 बजे से शुरू होकर दूसरे दिन भी लोग एक-दूसरे को गलियां देते हुए परंपरा का निर्वहन करते हैं।

सदियों से चली आ रही परम्परा
पंचायत प्रधान भुवनेश्वर ने बताया कि इस पीज सदयाला को 4 गांव के लोग मेले के रूप में मनाते हैं और इस दौरान रिश्तेदारों का भी आना-जाना रहता है। देवता के प्रांगण में पीज सदयाला मनाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है और सदियों से चली आ रही इस परम्परा को आज की युवा पीढ़ी भी निभा रही है।