यहां जान जोखिम में डालकर पुल पार कर रहे छात्र

Saturday, Oct 14, 2017 - 05:03 PM (IST)

सैंज : सैंज उप तहसील के मुख्य बाजार को जोडऩे वाला वन विभाग द्वारा निर्मित पैदल पुल 1 माह से बंद है। पुल की खस्ता हालत के चलते खतरे को भांपकर वन विभाग ने 13 सितम्बर से यहां पर आवाजाही पर रोक लगा रखी है। रोक के बावजूद जल्दबाजी के चलते लोग जान जोखिम में डालकर पुल को पार कर रहे हैं। पुल को बंद किए एक माह का समय बीत चुका है लेकिन इसकी मुरम्मत करने की सुध अभी तक किसी नहीं ली है, जिसके चलते लोगों द्वारा असुरक्षित पुल को पार करना किसी बड़े हादसे को न्यौता दे रहा है। गौरतलब है कि घाटी की 15 पंचायतों के मुख्य सैंज बाजार के बीच पिन पार्वती नदी पर बने पैदल पुल को आर-पार कर रोजाना सैंकड़ों लोग अपने गंतव्य तक पहुंचते थे लेकिन पुल बंद होने पर लोगों को करीब 1 किलोमीटर अतिरिक्त सफर कर वाहन पुल से होकर आना-जाना पड़ रहा है।

लोग मजबूरन क्षतिग्रस्त पुल को पार कर रहे
नदी के एक तरफ  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, उपतहसील कार्यालय व राजकीय माध्यमिक विद्यालय के अलावा 3 अन्य निजी स्कूल तथा प्राथमिक पाठशाला सहित दर्जनों सरकारी कार्यालय हैं। पैदल पुल के अभाव में रोजाना लोगों तथा विद्याॢथयों को भी बेहद मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते कई बार छात्र व अन्य लोग मजबूरन क्षतिग्रस्त पुल को पार कर रहे हैं। मुख्य बाजार के इस पैदल पुल को 8 सालों में 2 बार बदला जा चुका है। वर्ष 2010 में पार्वती परियोजना के सहयोग से इसकी मुरम्मत की गई थी तथा दिसम्बर, 2014 में फिर से वन विभाग द्वारा यहां नया पुल लगाया गया था। इतने कम समय में बार-बार पुल के क्षतिग्रस्त होने के चलते वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पैदल पुल की कमी के चलते बाजार के दुकानदारों के धंधे में इसका प्रभाव पड़ रहा है। पुल के आसपास के दुकानदारों की बिक्री में पहले की अपेक्षा काफी कमी आ गई।

3 साल पहले भी हुआ था क्षतिग्रस्त 
दुकानदारों दीवान नेगी, सोभ राम, रती राम, राणा मैडीकल, संजीव सोनी व हरदेव सिंह आदि का कहना है कि 3 साल पहले भी पुल के क्षतिग्रस्त होने से उन्हें काफी नुक्सान झेलना पड़ा था। 3 साल में ही पुल टूट जाने पर वन विभाग की कार्यप्रणाली पर संदेह जताया जा रहा है।