यहां 70 के दशक से लेकर अब तक गिर चुके हैं 4 पुल, पूरे जिले में मचा हाहाकार

Monday, May 21, 2018 - 09:47 AM (IST)

चम्बा : जिला चम्बा के लोगों के जीवन में पुलों का बेहद महत्व है क्योंकि जिला की सड़कों को एक-दूसरे के साथ जोडऩे में इनकी अहम भूमिका है। जिला के नदी-नालों के आपस की दूरी को पाटने में इन पुलों के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है। ऐसे में पुलों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना बेहद जरूरी है। इस स्थिति के बीच अगर कोई भी पुल टूटता है या फिर वह वाहनों के गुजरने लायक नहीं रहता है तो उस क्षेत्र का पूरा जनजीवन उसके प्रभाव से प्रभावित हो जाता है। इस बात का प्रमाण पिछले 4 माह के दौरान देखने को मिला। रावी नदी के ऊपर बालू नामक स्थान पर बने पुल की खस्ता हालत के चलते प्रशासन ने उसे मुरम्मत के लिए बंद किया तो पूरे जिले में हाहाकार मच गया। 


10 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए मजबूर लोग
लोगों को जहां जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए कम से कम करीब 5 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे न सिर्फ लोगों को अधिक समय खर्च करना पड़ा बल्कि निजी बस आप्रेटरों को भी इस समयावधि में आॢथक नुक्सान झेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस स्थिति के चलते सबसे अधिक नुक्सान उन लोगों को भी उठाना पड़ा जोकि पुल के एक छोर पर होने के बावजूद दूसरे छोर तक पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए मजबूर हुए। इस समयावधि में टैक्सी व मालवाहक वाहनों के किराए में दो से तीन गुना तक वृद्धि होने से लोगों को अपने कार्यों को अंजाम देने के लिए यह आॢथक नुक्सान झेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। 

पुल के दोनों तरफ भागमभाग की स्थिति
इन सब मुश्किलों को झेलने के बाद बीते शनिवार को बालू पुल एक बार फिर से वाहनों की आवाजाही के लिए खोल तो दिया गया लेकिन लोगों की समस्या अभी तक पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाई है। शनिवार से बालू पुल के दोनों तरफ भागमभाग की स्थिति के चलते किसी भी समय किसी अप्रिय घटना के घटित होने की संभावना अधिक पैदा हो गई है। निश्चित तौर पर जिला प्रशासन को इस स्थिति पर काबू पाने के लिए शीघ्र प्रभावी कदम उठाने होंगे ताकि यह व्यवस्था किसी परिवार को हमेशा के लिए गहरे घाव न दे जाए।

kirti