18 साल के बाद अब यहां बनेगा हर्बल गार्डन, सरकार ने दिए 16 लाख रुपए

Friday, Mar 08, 2019 - 02:08 PM (IST)

बिलासपुर : जिला के जंगल झलेड़ा में करीब 18 साल के बाद हर्बल गार्डन बनने की आस बंधी है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में बनने वाले इस चौथे हर्बल गार्डन में आधारभूत ढांचा उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार ने 16 लाख 74 हजार रुपए की राशि जारी कर दी है। इस राशि से यहां पर हर्बल कम माली हट का निर्माण करवाया जाएगा। जानकारी के अनुसार वर्ष 2002 में बिलासपुर मुख्यालय से करीब 14 किलोमीटर दूर झलेड़ा जंगल में हर्बल गार्डन बनाने का शिलान्यास हुआ था तथा तत्कालीन समय इस गार्डन को बनाने और इसकी देखभाल करने के लिए हर्बल गार्डन जोगिंद्रनगर से स्टाफ भी तैनात किया गया था।

इसके बाद यहां पर गार्डन बनाने की कवायद शुरू हुई थी लेकिन यहां पर आधारभूत ढांचा व पानी न होने के कारण हर्बल गार्डन नहीं बन पाया। बंजर भूमि पर ही लाखों रुपए खर्च कर दिए गए। इसके बाद इस गार्डन का जिम्मा वर्ष 2008 में जिला आयुर्वेद विभाग बिलासपुर के सुपुर्द कर दिया गया लेकिन प्रदेश सरकार व संबंधित विभाग ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया तथा न ही यहां पर स्टाफ तैनात करने की कोशिश की।

2010-11 में आई थी 10 लाख की ग्रांट इस हर्बल गार्डन के लिए वर्ष 2010-11 में 10 लाख रुपए की ग्रांट आई थी तथा इस ग्रांट से यहां पर मूलभूत सुविधाएं जुटाने और हर्बल पौधों की पौध तैयार करने के लिए नर्सरी बनाई जानी थी जिसके चलते विभाग ने यहां पर एक पॉलीहाऊस लगाया तथा कुछ अन्य सामान खरीदने पर ही सारी राशि खर्च कर दी। मौजूदा समय में इस पॉलीहाऊस का नामोनिशान तक मिट चुका है। इसके बाद इस हर्बल गार्डन के लिए वर्ष 2013-14 में 4 लाख रुपए की ग्रांट दी गई थी। इस ग्रांट से भी हर्बल गार्डन के लिए कुछ नहीं हुआ और मात्र कुछ उपकरण खरीद पर एक लाख, 38 हजार रुपए खर्च कर बाकी पैसा वापस कर दिया गया।

प्रदेश सरकार व विभागीय उपेक्षा के चलते हर्बल गार्डन धरातल पर नहीं बन पाया है लेकिन अब पैसा मिलने के बाद इस हर्बल गार्डन के साकार रूप लेने की संभावना बनी है। प्रदेश में मौजूदा समय में जोङ्क्षगद्रनगर, नीरी व रोहड़ू में हर्बल गार्डन चल रहे हैं। इस हर्बल गार्डन को मौजूदा समय में अनुसंधान संस्थान भारतीय चिकित्सा पद्धति जोङ्क्षगद्रनगर के अधीन किया गया है। हर्बल गार्डन को मूर्तरूप देने के लिए यहां पर करीब 5 लोगों की तैनाती भी आऊटसोर्स पर की गई है।

 

kirti