कलियुगी बेटे की करतूत : जिस मां ने उंगली पकड़कर दुनिया दिखाई, बुढ़ापे में उसी को छोड़ दिया बेसहारा

punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2020 - 05:35 PM (IST)

करसोग (धर्मवीर गौतम): जिस मां ने 9 महीने कोख में पालने के बाद भारी प्रसव पीड़ा सहन कर बेटे को जन्म देकर दुनिया दिखाई, उसी कलियुगी बेटे ने जरूरत के वक्त 72 वर्षीय बूढ़ी मां को बेसहारा छोड़कर दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर कर दिया। हम बात कर रहे हैं करसोग के ममेल की रहने वाली वृद्ध महिला देवली देवी की। जो आज बेटे और बहू की बेरुखी के कारण दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज है, ऐसे में इस असहनीय दुख की घड़ी में देवली देवी के लिए करसोग प्रशासन और पुलिस मसीहा बनकर सामने आई है, जिसने महिला को वृद्ध आश्रम बसन्तपुर भेजने की औपचारिकताएं पूरी न होने तक रोटी सहित रहने का सहारा दिया है। एसडीएम करसोग ने खुद मामले को अपने हाथों में लेते हुए सभी जरूरी कार्रवाई पूरी कर रहे हैं।
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2 साल पहले हो चुकी है पति की मौत

देवली देवी के दुख के जख्म बहुत पुराने हैं। करीब 2 साल पहले नियती के क्रूर हाथों सिर पर से पति का साया छीन लिया लेकिन बुढ़ापे में बेटे का सहारा देखते हुए बहुत उम्मीदें थीं लेकिन उन उम्मीदों पर पुरी तरह से पानी फिर गया। पति के दुनिया से चले जाने के बाद बेेटा वृद्ध मां को अकेला छोड़ पत्नी के साथ रामपुर में ससुराल रहने चला गया। वक्त का चक्र घूमने के साथ-साथ देवली देवी का बूढ़ा शरीर अब जवाब देने लगा है और जिंदा रहने के लिए दो वक्त की रोटी बनाने के लिए भी मजबूर है। बढ़ती उम्र के साथ शरीर को भी कई तरह की बीमारियों ने घेर लिया है, ऐसे में आखिरी वक्त में जीने के लिए मजबूर देवली देवी लड़खड़ाते कदमों के साथ किसी तरह करसोग के सिविल अस्तपाल पहुंची लेकिन यहां भी कोई देखरेख करने वाला नहीं मिला और महिला के बारे में पुलिस को सूचित किया गया।
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महिला का दर्द देख एसडीएम करसोग का पसीज गया दिल

पुलिस ने वृद्ध महिला को एसडीएम कार्यालय पहुंचाया और एसडीएम करसोग को महिला का दर्द बताया। वृद्ध महिला के साथ समय ने जो खेल खेला उससे एसडीएम का दिल भी पसीज गया और बुजुर्ग महिला की वृद्ध आश्रम बसन्तपुर में व्यवस्था न होने तक देवली देवी को इलाज के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया है। यही नहीं, यहां भी महिला की देखरेख के लिए एक पुलिस कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है। इसके साथ प्रशासन ने देवली देवी के लिए भी अपनी तरफ से खाने-पीने की व्यवस्था की है, ऐसे में प्रशासन के इस कदम की सभी सराहना कर रहे हैं जो बुरे वक्त में वृद्ध महिला का सहारा बना है।
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बेटी होती तो आज यूं न भटकती : देवली

देवली देवी ने कहा कि काश उनकी कोई बेटी होती तो वह बुढ़ापे में इस तरह ही ठोकरें खाने के लिए मजबूर न होती। बुढ़ापे के इस कठिन समय अपनी बेटी के साथ ही रहती। उन्होंने कहा कि बेटा है लेकिन वह मुझे अपना समझता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि अब यहां रहना ही नहीं है बस बसन्तपुर वृद्ध आश्रम जाना है, जहां रोटी खाने को मिल जाए। बेटा अपने परिवार के साथ मस्त है, मेरी ये अवस्था अब रोटी बनाने की नहीं है।
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क्या बोले एसडीएम करसोग

एसडीएम करसोग सुरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि पुलिस ने ममेल की रहने वाली वृद्ध महिला देवली देवी का मामला ध्यान में लाया है। इस महिला का कोई भी वारिस यहां नहीं रहता है। महिला के पति की मृत्यु हो चुकी है। इस महिला की उम्र 72 साल है। इसका कोई भी सहारा नहीं है। महिला की यही इच्छा है कि इसे वृद्ध आश्रम बसन्तपुर भेजा जाए। इस बारे में अब सरकार के नियमों के तहत अगली कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि समाज के लिए ये बहुत ही शर्मिंदगी की बात है कि कोई व्यक्ति अपनी वृद्ध मां को इस तरह बेसहारा छोड़ रहा है। महिला को संरक्षण देने के लिए सही जगह पहुंचाने का प्रशासन पूरा प्रयास कर रहा है।


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Vijay

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