पांगी में भारी बर्फबारी, प्रशासन ने लोगों को दी ये चेतावनी

Wednesday, Dec 13, 2017 - 10:33 PM (IST)

चम्बा: मंगलवार को भी जिला चम्बा के कई उपमंडलों में बर्फबारी का दौर जारी रहा तो जिला के निचले क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई। परिणामस्वरूप जिला चम्बा के लोगों को दूसरे दिन भी बर्फबारी व बारिश से परेशानियों का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा। जिला के कई लिंक रोड बंद हो गए थे लेकिन लोक निर्माण विभाग ने युद्धस्तर पर इन्हें शाम तक खोल कर लोगों को राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन बिजली व्यवस्था के प्रभावित होने से जिला के सैंकड़ों गांवों में दूसरे दिन भी अंधेरा पसरा रहा। राहत की बात अभी तक यह रही है कि जिला के किसी भी उपमंडल से पेयजल व्यवस्था के प्रभावित होने की सूचना नहीं है। आई.पी.एच. विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में परेशानी पेश आ सकती है क्योंकि मौसम के साफ होने के बाद तापमान कई जगहों पर शून्य से नीचे चला जाएगा, जिसके चलते पानी जमना शुरू हो जाएगा। ऐसी स्थिति में पेयजल योजनाओं के प्रभावित होने की स्थिति पैदा हो जाती है।

घाटी में पछले 3 दिन से हो रही बर्फबारी
पिछले 3 दिन से पांगी घाटी में हो रही बर्फबारी को देखते हुए उपमंडल प्रशासन ने लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की चेतावनी जारी की है। एस.डी.एम. पांगी सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि पांगी घाटी में भारी हिमपात हुआ है। उन्होंने कहा कि बात को ध्यान में रखते हुए हिमखंडों के गिरने की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को यह चेतावनी जारी की गई है कि वे घरों में ही रहें। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति इस मौसम से हरगिज अकेला घर से बाहर न निकले। उन्होंने कहा कि मौसम के इस रुख के चलते समूची पांगी घाटी का जनजीवन प्रभावित हुआ है।

3 दिन से अंधेरे में कई गांव
रविवार की रात को जिला के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर शुरू हुआ था। अगली सुबह बिजली गुल होने के बाद कई गांवों में अभी तक अंधेरा पसरा हुआ है, ऐसे गांवों में लोगों के लिए प्राकृतिक आपदा की स्थिति बनी हुई है। लोगों का कहना है कि हैरान करने वाली बात है कि बर्फबारी होने से पूर्व तो बैठकों का दौर आयोजित कर इस प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए बड़ी-बड़ी बातें कही गई थीं लेकिन पिछले 3 दिनों से अंधेरे में डूबे गांवों के लोगों को यह लगता है कि ये बैठकें लोगों का दिल रखने के लिए आयोजित हुई थीं। लोगों का कहना है कि पर्याप्त संख्या में काम करने वाले लोगों की कमी से सभी विभाग जूझ रहे हैं तो ऐसे में आपदा से कैसे निपटा जा सकता है।