मूसलाधार बारिश ने फेरा किसानों की मेहनत पर पानी, गेहूं की फसल को नुक्सान

Wednesday, May 02, 2018 - 10:42 PM (IST)

सिहुंता: भटियात घाटी में हुई मूसलाधार बारिश के कारण जहां तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई, वहीं गेहूं की फसल को भी भारी नुक्सान पहुंचा है। फसल की कटाई के दौरान हुई इस बारिश व तूफान से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं जबकि सामान्य पर्यावरण के लिए यह बारिश काफी लाभदायक मानी जा रही है। भटियात के मध्य व निचले इलाकों में इन दिनों गेहूं की फसल की कटाई का कार्य जोरों पर चल रहा है। किसानों की कुछ गेहूं खेतों में काटी हुई है तो कुछ थ्रैसर पर थ्रैसिंग के रखी हुई है जोकि इस बारिश में भीगने के कारण बर्बाद हो गई है। 


धरे के धरे रह गए किसानों के प्रयास
दोपहर के समय अचानक बिगड़े मौसम के मिजाज को देखते हुए काटी गई गेहूं को बचाने का खेतों में किसानों ने पूरा प्रयास किया परंतु एकाएक मूसलाधार बारिश शुरू होने के कारण किसानों के प्रयास धरे के धरे रह गए। इस बारिश के साथ आए तूफान से आम व लीची की फसल को भी नुक्सान हुआ है। किसानों का कहना है कि बड़ी मेहनत के साथ गेहूं की फसल तैयार हुई है परंतु एक ही बारिश ने सब की मेहनत पर पानी फेर दिया है। किसानों ने फसल को हुए नुक्सान का सरकार से मुआवजे की भी मांग की है। 


कई मायनों में लाभदायक मानी जा रही बारिश
बुधवार को हुई बारिश को कई मायनों में लाभदायक भी माना जा रहा है। इस बारिश के कारण धरातल पर हरियाली आने से आने वाले दिनों में पशुचारे की समस्या से भी राहत मिलेगी तथा इस बारिश से वायु मंडल में फैली धूल मिट्टी के कणों के जमीन में समा जाने के कारण पर्यावरण भी स्वच्छ हो गया है। इस बारिश के कारण घाटी में पनपे जल संकट से भी निजात मिलने की संभावना है। इस बारिश से आई.पी.एच. विभाग के कर्मचारी भी कुछ राहत महसूस कर रहे हैं तो वहीं जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं पर भी फिलहाल विराम लग गया है, जिससे वन विभाग को भी कुछ दिनों के लिए राहत मिलेगी। 

Vijay