दो मंत्रियों की सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई टली

Friday, May 25, 2018 - 10:07 AM (IST)

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट में राज्य सरकार के 2 मंत्रियों महेंद्र सिंह ठाकुर और मार्कंडेय की सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई टल गई। न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी ने निर्वाचन आयोग व सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों मंत्रियों को भी बतौर निजी प्रतिवादी नोटिस जारी किया था। याचिकाकत्र्ताओं के अनुसार दोनों मंत्रियों ने चुनाव के शपथ पत्र में कई जानकारियां छिपाई हैं, वहीं सम्पत्ति की गलत जानकारी देने की बात कही गई है। उनकी विधानसभा की सदस्यता को प्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। 


आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान झूठा शपथ पत्र दाखिला किया है। मंडी जिला के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक और आई.पी.एच. एवं बागवानी मंत्री के खिलाफ उनके क्षेत्र के रमेश चंद ने हाईकोर्ट में याचिका डाली है और उनकी सदस्यता खारिज करने की मांग की है। इसके अलावा कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय की सदस्यता को भी चुनौती दी गई है। इन पर भी विधानसभा चुनाव के दौरान दिए शपथ पत्र में झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार दोनों मंत्रियों ने चुनाव के शपथ पत्र में कई जानकारियां छिपाई हैं। सम्पत्ति की गलत जानकारी देने की बात कही गई है। 


याचिका में आरोप लगाया गया है कि मंत्री महेंद्र की पत्नी हाऊस वाइफ होते हुए उनके नाम पर 7.68 करोड़ रुपए की सम्पत्ति कहां से आई, जबकि वर्ष 2012 के चुनाव में उनके पास पैन कार्ड तक नहीं था। मंत्री मार्कंडेय के मामले में प्रार्थी का कहना है कि दम्पति के नाम पर सम्पत्ति में समानता नहीं है। राम लाल लाहौल-स्पीति से 2007 में भी विधायक थे लेकिन उस दौरान और अब तक की सम्पत्ति मेल नहीं खाती है। इसके अलावा शपथ पत्र में सम्पत्ति संबंधी जानकारी भी गलत है। ठाकुर की सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 5 जुलाई को और मार्कंडेय की सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
 

Ekta